केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) , भारतीय रक्षा अनुसंधान, विकास संगठन (DRDO) और इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस ने मिलकर एक बाइक एंबुलेंस तैयार की है| ये बाइक एंबुलेंस दुर्गम इलाकों में तत्काल मदद पहुंचाने में बेहद कारगर साबित हो सकती है| इससे झारखंड और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में काफी मदद मिल सकती है| जंगलों में नक्सली हमले जैसी घटनाओं के दौरान कोई मेडिकल इमरजेंसी होती है तो ये बाइक एंबुलेंस घायल सुरक्षाकर्मियों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभा सकती है|
सीआरपीएफ सूत्रों के मुताबिक ये बाइक एंबुलेंस बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जैसे इलाकों समेत झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले लातेहार, पलामू, बोकारो, चतरा, धनबाद, दुमका, जमशेदपुर, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, लोहरदगा, रामगढ़, रांची, सिमडेगा, सरायकेला, चाईबासा में ज्यादा मददगार साबित होंगी| दरअसल इन सूदूरवर्ती इलाकों में सुरक्षा बल के कर्मचारियों के लिए एंबुलेंस या बड़े वाहन ले जाना मुश्किल हो जाता है|
जानकारी के मुताबिक नक्सली इलाकों या घने जंगलों में बनी संकीर्ण सड़क पर चलने के दौरान सीआरपीएफ के जवानों को ऐसी बाइक बनाने की जरूरत महसूस हुई| पूर्व में भी ऐसे कई मौके आए हैं जब सुरक्षाकर्मियों तक समय पर मदद नहीं पहुंच पायी क्योंकि वहां एंबुलेंस वैन या दूसरे वाहन नहीं पहुंच सके| इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंस बायोमेडिकल और क्लिनिकल रिसर्च के क्षेत्र में काम करता है जो भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के तहत काम करता है|