झारखंड के धनबाद में तोपचांची झील हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। राज्य सरकार ने भी इस झील का सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने की योजना बनाई। लेकिन अब तोपचांची झील के सौंदर्यीकरण के नाम पर बड़ा घोटाला होने का मामला सामने आया है। झामडा से 3 करोड़ का टेंडर हासिल कर ठेकेदार द्वारा झील के चारों तरफ सड़क निर्माण किया जा रहा है। पुरानी सड़क को उखाड़ कर उसी पत्थर को बिछाकर नई सड़क का काम शुरू कर दिया गया है। पत्थर के उपर से फ्लाई एश डाला गया है। सड़क निर्माण में काफी अनियमितता बरती जा रही है।
3 करोड़ की सड़क बन रही है लेकिन वहां ना तो कोई पदाधिकारी है, ना इंजीनियर और ना ही ठेकेदार। बस मुंशी के ऊपर सब सौंप कर सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। मुंशी अकेले मजदूरों के सहारे सड़क बनवा रहा है। सड़क के गुणवक्ता जांच के लिए कोई अधिकारी नहीं है। डबल सड़क की जगह सिंगल सड़क का निर्माण हो रहा है। 2 साल पहले 13 करोड़ से झील की मिट्टी की कटाई हुई थी। जिसमें मोटी राशि का घोटाला हुआ। जिसके बाद जांच शुरू की गई जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी। मामला फाइलों में दब कर रह गया है। दरअसल मिट्टी काट कर 2 से 5 किलोमीटर दूर फेकना था। लेकिन अधिकारियों के मिलीभगत से मिट्टी को झील के अंदर ही डंप करवा दिया गया है। जिसके बाद बारिश होने से सभी मिट्टी बह कर झील में समाहित हो गई।
सड़क निर्माण के लिए भारी वाहनों से कई तरह के माल मंगाए जा रहे हैं। अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई तीन पुलिया भारी वाहन के गुजरने से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे लोगों में काफी आक्रोश है। स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकयत अधिकारियों से की गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों की माने तो हमेशा सड़क निर्माण होने के बाद कुछ ही महीनों में सड़क ध्वस्त हो जाती है। जिससे झील के सौंदर्यीकरण को नुकसान पहुंचता है। वहीं इस मामले को लेकर तोपचांची उप प्रमुख अतहर नवाज खान ने सरकार से फिर से जांच कराने की मांग की है।