मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के लिए खुशखबरी है. बहुत जल्द इस योजना के तहत लाभुक बहन-बेटियों के खातों में छठी किस्त की राशि पहुंचने वाली है. राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 28 जनवरी से महिलाओं के बैंक खातों में इस योजना की छठी किस्त भेजी जाएगी. इससे उन लाखों महिलाओं को राहत मिलेगी जो इस योजना के तहत आर्थिक सहायता का इंतजार कर रही थीं.
छठी किस्त में देरी क्यों हुई?
आम तौर पर हर महीने की 15 तारीख से लाभुक महिलाओं के खातों में योजना की राशि ट्रांसफर हो जाती थी. लेकिन इस महीने छठी किस्त मिलने में देरी हो रही है. इसका मुख्य कारण 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस की तैयारियों को बताया जा रहा है. सरकारी विभाग इस समय गणतंत्र दिवस की व्यवस्थाओं में व्यस्त हैं. इसी कारण 26 जनवरी के बाद, यानी 28 जनवरी से महिलाओं के खाते में पैसे भेजे जाएंगे. हालांकि, यदि किसी कारणवश 28 जनवरी को राशि ट्रांसफर नहीं हो पाती है, तो यह प्रक्रिया 29 जनवरी को पूरी की जाएगी.
अपात्र लाभुकों की लिस्ट से हटाए जा रहे नाम
देरी का दूसरा कारण यह भी है कि सरकार ने योजना के तहत अपात्र लाभुकों के नामों को लिस्ट से हटाने का काम प्रखंड कार्यालय को सौंपा है. इस काम को प्राथमिकता से किया जा रहा है ताकि केवल पात्र लाभुकों को ही योजना का लाभ मिल सके. इसके लिए अपात्र लाभुकों के नाम हटाने और पात्र लोगों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है.
देश की सबसे बड़ी योजना
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को देश की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक माना जा रहा है. इसके तहत राज्य सरकार हर महीने 56 लाख 61 हजार लाभुक महिलाओं के खातों में सीधे 2,500 रुपये भेज रही है. यह छठा महीना है जब इस योजना के तहत राशि लाभुकों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बहन-बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकें.
महिलाओं के लिए सीधी आर्थिक मदद
यह योजना देशभर में अपनी तरह की अनोखी योजना है, क्योंकि इसमें सरकार सीधे बहन-बेटियों के खातों में आर्थिक मदद भेज रही है. इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है. अब तक इस योजना के तहत लाभुक महिलाओं को लगातार पांच किस्तें मिल चुकी हैं, और छठी किस्त के आने का काउंटडाउन शुरू हो गया है.
लाभुकों की प्रतिक्रिया
योजना से जुड़ी महिलाएं छठी किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं. इस योजना ने उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता का एहसास कराया है. कई महिलाओं ने इस योजना के माध्यम से अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं तो कुछ ने बच्चों की शिक्षा और परिवार की जरूरतें पूरी की हैं.