झारखंड में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा गया है, और राज्य में चुनावी रणभेरी बज चुकी है. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में उतरना शुरू कर दिया है. अधिकांश सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी हो चुका है. अब सवाल उठता है कि दोनों प्रमुख गठबंधन, एनडीए और इंडिया, किस तरह से मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए प्रचार अभियान को तेज करेंगे. इस बार दोनों गठबंधनों के स्टार प्रचारक मतदाताओं को अपने पक्ष में आकर्षित करने के लिए जमकर रैलियां और सभाएं करने वाले हैं.
एनडीए की रणनीति: मोदी और अमित शाह की अगुवाई में होगा चुनाव प्रचार
एनडीए गठबंधन ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची तैयार कर ली है. इस बार प्रचार की कमान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के हाथों में होगी. एनडीए की योजना है कि प्रधानमंत्री मोदी की 6 से 7 जनसभाएं होंगी. इसके अलावा, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह भी करीब 10-10 सभाओं में हिस्सा लेंगे. एनडीए का यह सामूहिक प्रचार अभियान पूरे राज्य में फैला होगा और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और स्थानीय नेता भी इस अभियान में अपना योगदान देंगे. एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) जैसी प्रमुख पार्टियां शामिल हैं. जहां भाजपा बड़े पैमाने पर रैलियों और जनसभाओं का आयोजन कर रही है, वहीं जदयू और आजसू भी अपनी रणनीति के तहत प्रचार में पूरी तरह से जुट गए हैं.
जदयू की फोकस रणनीति और हेलीकॉप्टर का उपयोग
एनडीए में शामिल जदयू को झारखंड में दो सीटें दी गई हैं. पार्टी की योजना है कि इन दोनों सीटों पर सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में जमीनी स्तर पर प्रचार किया जाए. सीएम नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हुए बड़े-बड़े सभाओं को संबोधित करेंगे. इसके अलावा, जदयू के अन्य मंत्री और नेता भी प्रचार में शामिल रहेंगे, लेकिन पार्टी का फोकस अपने प्रत्याशियों की सीटों पर ही रहेगा.
आजसू का योगदान: भाजपा के साथ साझा प्रचार
आजसू पार्टी झारखंड में 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और अपनी रणनीति के तहत भाजपा नेताओं के साथ मिलकर प्रचार करेगी. सुदेश महतो के नेतृत्व में आजसू अपने क्षेत्र में मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगी. हालांकि, आजसू के पास हेलीकॉप्टर नहीं है, इसलिए पार्टी नेता सड़क मार्ग से चुनाव प्रचार करेंगे. पार्टी की रणनीति है कि अधिकतर चुनाव प्रचार एनडीए के अन्य नेताओं के साथ ही किया जाए ताकि मतदाताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा जा सके.
इंडिया गठबंधन की रणनीति: राहुल गांधी और हेमंत सोरेन की अगुवाई
वहीं, इंडिया गठबंधन के पक्ष से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हेमंत सोरेन और राजद के तेजस्वी यादव प्रचार का नेतृत्व करेंगे. इंडिया गठबंधन ने यह तय किया है कि शुरुआती प्रचार कांग्रेस के छह राष्ट्रीय ऑब्जर्वर और को-ऑर्डिनेटर की निगरानी में किया जाएगा. इसके बाद, ज़रूरत के हिसाब से अन्य राष्ट्रीय नेताओं के कार्यक्रम तय किए जाएंगे.
झामुमो की तैयारियां: हेमंत और कल्पना सोरेन का व्यापक प्रचार अभियान
इंडिया गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी है. पार्टी के सीएम उम्मीदवार हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्यभर में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं. झामुमो के दिशोम गुरु शिबू सोरेन भी पार्टी के प्रचारक होंगे. पार्टी ने अपने अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए 38 लोगों को स्टार प्रचारक के रूप में नामित किया है. हेमंत और कल्पना सोरेन हेलीकॉप्टर के जरिए अलग-अलग क्षेत्रों में सभाएं कर रहे हैं और झारखंड में झामुमो के मजबूत समर्थन आधार को ध्यान में रखते हुए वे अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं.
राजद का फोकस: चतरा में संयुक्त प्रचार की योजना
राजद ने झारखंड में छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और प्रचार अभियान की शुरुआत चतरा से की है. राजद का मुख्य फोकस इन छह सीटों पर ही रहेगा, जहां तेजस्वी यादव और उनकी टीम के लोग स्टार प्रचारक होंगे. फिलहाल, इंडिया गठबंधन में राजद के अन्य दलों के साथ संयुक्त प्रचार की योजना नहीं बनाई गई है. तेजस्वी यादव और अन्य नेता सड़क मार्ग से प्रचार के लिए जाएंगे.
इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियों की योजना
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों के प्रचार अभियान में तेजी ला दी है. पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में छह राष्ट्रीय नेताओं को ऑब्जर्वर और को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया है. कांग्रेस ने भी दिल्ली मुख्यालय से हेलीकॉप्टर की मांग की है ताकि राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में प्रभावी प्रचार किया जा सके.
दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर
इस बार झारखंड के विधानसभा चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. दोनों ही गठबंधन अपने-अपने स्टार प्रचारकों के सहारे मतदाताओं को अपनी ओर खींचने का प्रयास करेंगे. एनडीए के पास प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेता हैं जो अपने भाषणों से मतदाताओं में जोश भरने की कोशिश करेंगे. वहीं, इंडिया गठबंधन के पास राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन, और तेजस्वी यादव जैसे प्रभावशाली नेता हैं जो मतदाताओं को अपनी बात से रिझाने की कोशिश करेंगे.
प्रचार का उद्देश्य: मतदाताओं को साधना
दोनों ही गठबंधन अपने-अपने स्टार प्रचारकों के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि उनके पास राज्य के विकास के लिए ठोस योजनाएं हैं. एनडीए का जोर विकास, सुरक्षा और स्थिरता पर रहेगा, जबकि इंडिया गठबंधन भाजपा सरकार के खिलाफ अपने आलोचनाओं और अपनी नीति पर आधारित मुद्दों पर जोर देगा. इस बार का चुनाव प्रचार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों ही गठबंधन झारखंड के मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.