रांची: झारखंड सरकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था में कई अहम फैसले लेते हुए व्यापक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला प्रदेश के हाई स्कूलों में कार्यरत 8900 माध्यमिक शिक्षकों के पदों को प्रत्यर्पित (सरेंडर) करने और 1373 माध्यमिक आचार्य के पदों को सृजित करने का है।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
इसके साथ ही, नई शिक्षा नीति के तहत ‘ग्रासरूट इंटर्नशिप योजना’ को राज्य में लागू करने की स्वीकृति दी गई है। इस योजना के अंतर्गत कॉलेजों में पढ़ने वाले 17,380 छात्र-छात्राओं को राज्य के 4360 पंचायतों में जमीनी स्तर पर इंटर्नशिप करने का अवसर मिलेगा। इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को दो किस्तों में कुल 10,000 रुपये की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा को भी मंजूरी
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्पेन और स्वीडन यात्रा को भी हरी झंडी दी है। मुख्यमंत्री अपनी टीम के साथ इन देशों की यात्रा पर जाएंगे ताकि झारखंड में विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।
हाई स्कूल और प्लस टू स्कूलों में पदों का पुनर्गठन
कैबिनेट ने हाई स्कूलों में खाली पड़े 9470 पदों में से 8650 माध्यमिक शिक्षकों के पद और प्लस टू स्कूलों में 797 में से 250 पदों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके बदले राज्य के 510 प्लस टू विद्यालयों में माध्यमिक सहायक आचार्य के नए पद सृजित किए जाएंगे।
इन विषयों में होंगे नियुक्ति पद सृजन
सरकार ने विभिन्न विषयों में विशेषज्ञ आचार्यों के लिए पद सृजन का निर्णय लिया है। इनमें शामिल हैं:
-
राजनीति शास्त्र: 221 पद
-
समाजशास्त्र: 159 पद
-
मनोविज्ञान: 53 पद
-
मानव शास्त्र: 21 पद
-
दर्शनशास्त्र: 19 पद
-
गृह विज्ञान: 96 पद
-
भूगर्भ शास्त्र: 32 पद
-
कंप्यूटर साइंस: 131 पद
-
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं कोडिंग: 54 पद
-
साइबर सिक्योरिटी एवं डाटा साइंस: 54 पद
-
अप्लाइड इंग्लिश: 54 पद
-
भाषाएं: उर्दू (92), संथाली (83), बांग्ला (25), मुंडारी (16), हो (26), कुड़ख (24), कुरमाली (10), नागपुरी (21), पंचपरगनिया (10), खोरठा (18), उड़िया (4)
-
विशेष आचार्य: 150 पद
इन सभी पदों को 9300-34800 रुपये वेतनमान और 4200 रुपये ग्रेड पे के तहत रखा गया है।
राज्य सरकार के इन निर्णयों से स्पष्ट है कि झारखंड शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार और आधुनिक विषयों को बढ़ावा देने के साथ ही युवाओं को व्यावहारिक अनुभव देने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है।