नए साल से जेल बंदियों के खान-पान में बड़ा बदलाव: सप्ताह में चार दिन मिलेगा मांसाहारी भोजन…..

झारखंड की जेलों में बंदियों के खान-पान में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. नए साल से बंदियों को सप्ताह में एक दिन के बजाय चार दिन मांसाहारी भोजन मिलेगा. इसके लिए कारा महानिरीक्षक ने एक प्रस्ताव तैयार कर विभागीय मंत्री की सहमति के लिए भेजा है. विभागीय मंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं. उनकी मंजूरी के बाद यह फाइल कैबिनेट में जाएगी, जहां स्वीकृति मिलने के बाद इस पर अमल किया जाएगा.

प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने का प्रस्ताव

इस नए प्रस्ताव में बंदियों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध कराने की बात कही गई है. वर्तमान में जेलों में वर्ष 2012 के डायट चार्ट के आधार पर बंदियों को भोजन दिया जा रहा है. इसके तहत मांसाहारी बंदियों को सप्ताह में एक दिन 100 ग्राम खस्सी का मांस दिया जाता है. लेकिन नए प्रस्ताव में खस्सी के मांस को हटाकर इसकी जगह सप्ताह में तीन दिन 200-200 ग्राम मुर्गा और एक दिन दो अंडे देने की योजना है.

शाकाहारी बंदियों के लिए बेहतर विकल्प

शाकाहारी बंदियों के भोजन में भी सुधार का प्रस्ताव है. अभी तक इन्हें सप्ताह में एक बार भोजन के साथ 500 ग्राम खीर दी जाती थी. नए प्रस्ताव में शाकाहारी बंदियों को खीर के साथ सप्ताह में तीन दिन 100-100 ग्राम सोयाबीन बड़ी और एक दिन पनीर की सब्जी देने का प्रावधान किया गया है.

सीएम हेमंत सोरेन की पहल

यह बदलाव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर हो रहा है. मुख्यमंत्री ने जेल में बिताए अपने समय के दौरान बंदियों के भोजन की स्थिति को करीब से देखा और सुधार की आवश्यकता महसूस की. उन्होंने जेल की खान-पान व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव दिए थे, जिसे अब अमल में लाया जा रहा है.

नए प्रस्ताव की प्रक्रिया

इस प्रस्ताव को पहले विभागीय मंत्री की सहमति के लिए भेजा गया है. सहमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद संबंधित संकल्प जारी कर दिया जाएगा.

बंदियों की प्रोटीन जरूरतों पर जोर

नए प्रस्ताव में बंदियों की प्रोटीन जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, जेल में बंद लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है. पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त भोजन से बंदियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा.

वर्तमान व्यवस्था में कमियां

वर्तमान में सप्ताह में केवल एक दिन मांसाहारी भोजन दिया जाता है, जो पर्याप्त नहीं है. इस कमी को नए प्रस्ताव के जरिए दूर करने की कोशिश की जा रही है. शाकाहारी बंदियों के लिए भी भोजन में विविधता लाने का प्रयास किया गया है.

बंदियों के लिए सकारात्मक बदलाव

यह प्रस्ताव जेल में बंदियों के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. इससे न केवल बंदियों के खान-पान में सुधार होगा, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा. यह पहल झारखंड की जेल व्यवस्था को देशभर में एक बेहतर उदाहरण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×