झारखंड की जेलों में बड़ा बदलाव, अंग्रेजी कानून से मुक्ति, सुधार पर होगा जोर..

झारखंड की जेलों में अंग्रेजी कानून से मुक्ति मिलने वाली है. राज्य सरकार आज विधानसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है, जो जेल सुधार और कैदियों के पुनर्वास पर जोर देगा. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य कैदियों को दंड से अधिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है.

विधेयक का उद्देश्य..
झारखंड सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब राज्य की जेलों में अंग्रेजी कानूनों की बजाय स्थानीय जरूरतों और स्थितियों के हिसाब से नए कानून लागू किए जाएंगे. इस कदम का मकसद जेलों में सुधार लाना और कैदियों को बेहतर पुनर्वास प्रदान करना है.

कैदियों के लिए सुधार की दिशा..
विधेयक के मुताबिक, कैदियों को केवल सजा देने के बजाय उनके सुधार पर अधिक जोर दिया जाएगा. इसका मतलब यह है कि कैदियों को उनके अपराध के अनुसार सजा दी जाएगी, लेकिन साथ ही उन्हें समाज में फिर से शामिल करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

शिक्षा और प्रशिक्षण पर जोर..
नए विधेयक के तहत, कैदियों को शिक्षा और प्रशिक्षण के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएंगे. इसके तहत उन्हें विभिन्न व्यावसायिक कोर्स, कंप्यूटर शिक्षा, और अन्य प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे ताकि वे जेल से बाहर आने के बाद अपनी जीविका कमा सकें और समाज में सम्मानित जीवन जी सकें.

मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समर्थन..
कैदियों के मानसिक और सामाजिक सुधार के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं. विधेयक में मनोवैज्ञानिक परामर्श, योग, ध्यान, और अन्य गतिविधियों को शामिल किया गया है जो कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाएंगे. इसके अलावा, सामाजिक कार्यकर्ता और काउंसलर भी कैदियों की मदद करेंगे ताकि वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें.

स्वास्थ्य सुविधाएँ..
झारखंड की जेलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में भी सुधार किया जाएगा. कैदियों को नियमित स्वास्थ्य जांच और उचित चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी. इसके अलावा, जेलों में स्वच्छता और साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि कैदियों को किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाया जा सके.

महिला कैदियों के लिए विशेष प्रावधान..
विधेयक में महिला कैदियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. उनके लिए अलग से प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य सुविधाएँ और सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे. इसके अलावा, उनके बच्चों के लिए भी विशेष देखभाल और शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी.

नशामुक्ति कार्यक्रम..
जेलों में कैदियों के लिए नशामुक्ति कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे. इसके तहत, कैदियों को नशे की आदत से छुटकारा पाने के लिए विशेष काउंसलिंग और उपचार प्रदान किए जाएंगे. इससे कैदियों को एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जीने का मौका मिलेगा.

प्रशासन की तैयारी..
झारखंड सरकार ने जेल सुधार के इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने के लिए प्रशासनिक तैयारियाँ भी शुरू कर दी हैं. जेल कर्मचारियों को नए विधेयक के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे कैदियों के सुधार और पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.

कैदियों के परिवारों का सहयोग..
कैदियों के परिवारों को भी इस सुधार प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा. परिवार के सदस्यों को परामर्श दिया जाएगा और उन्हें कैदियों के सुधार में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे कैदियों के मानसिक और सामाजिक सुधार में तेजी आएगी.

न्यायिक प्रणाली में सुधार..
इस विधेयक का एक महत्वपूर्ण पहलू न्यायिक प्रणाली में सुधार लाना भी है. कैदियों के मामलों की सुनवाई तेजी से होगी और उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा. इसके अलावा, छोटे-मोटे अपराधों में संलिप्त कैदियों को जल्द रिहा करने के प्रावधान भी किए जाएंगे ताकि जेलों में भीड़भाड़ कम हो सके.

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