झारखंड में गरीब और वंचित वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिए सरकार 2025 में कई नई योजनाओं को लागू करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना को अबुआ स्वास्थ्य योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे गरीब मरीजों को 15 लाख रुपये तक का कवरेज मिलेगा. वर्तमान में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का इलाज मिलता है, लेकिन इस कवरेज को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की योजना बनाई जा रही है.
आयुष्मान योजना में बदलाव
सरकार ने योजना के तहत कागजी प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है. अब लाभार्थियों को आवेदन में होने वाली देरी से राहत मिलेगी. इस योजना में 5 लाख रुपये तक के कवरेज का खर्च केंद्र और राज्य सरकार 60:40 अनुपात में वहन करेंगे, जबकि 5 लाख रुपये से अधिक का खर्च पूरी तरह राज्य सरकार उठाएगी. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार, “मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है. अब इस योजना को अबुआ स्वास्थ्य योजना से जोड़ने की तैयारी है. अगले दो-तीन महीने में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.
रिम्स में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण
झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में 2025 में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे. इनमें ओपीडी कॉम्प्लेक्स, 100 बेड का क्रिटिकल केयर आईसीयू और 8 मंजिला क्षेत्रीय नेत्र संस्थान शामिल हैं.
• ओपीडी कॉम्प्लेक्स:
रिम्स में ओपीडी कॉम्प्लेक्स ट्रॉमा सेंटर के पीछे डीआईजी ग्राउंड में बनाया जाएगा. इसके बनने से सभी विभागों की ओपीडी एक ही भवन में शिफ्ट हो जाएगी. अगले 2-3 महीने में इस कॉम्प्लेक्स की आधारशिला रखी जाएगी.
• क्रिटिकल केयर आईसीयू:
रिम्स डेंटल कॉलेज के पीछे बन रहे 100 बेड के क्रिटिकल केयर आईसीयू का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा. अभी आईसीयू ट्रॉमा सेंटर के दूसरे और तीसरे तल पर संचालित है, लेकिन जगह की कमी के कारण कई गंभीर मरीजों को समय पर बेड नहीं मिल पाता.
• क्षेत्रीय नेत्र संस्थान:
रिम्स कैंपस में बन रहा क्षेत्रीय नेत्र संस्थान फरवरी तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा. इस संस्थान का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था, लेकिन अब तक अधूरा है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में एजेंसी को इसे जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है. यह संस्थान नेत्र रोगियों के लिए वरदान साबित होगा. यहां आंखों की गंभीर बीमारियों का इलाज संभव होगा.
गरीबों के लिए बड़ी राहत
झारखंड में करीब 44% लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं. राज्य में 32 जनजातियां हैं, जिनमें से 8 आदिम जनजातियां हैं. इन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत गरीब मरीजों के लिए देय राशि बढ़ाने और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा, “2025 में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जिलों के सदर अस्पतालों को मॉडल अस्पताल बनाया जाएगा. गरीब मरीजों को हर सरकारी योजना का लाभ सरलता से मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.