गुमला में एसीबी की बड़ी कार्रवाई: प्रधान लेखपाल 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

गुमला। भ्रष्टाचार के खिलाफ झारखंड में चलाए जा रहे अभियान के तहत एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के प्रधान लेखपाल राजकुमार साहनी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गुरुवार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

शिकायत के आधार पर बिछाया गया जाल

जानकारी के मुताबिक, चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में पदस्थापित जन सेवक धनंजय प्रसाद ने एसीबी से शिकायत की थी कि लेखपाल राजकुमार साहनी उनसे भविष्य निधि (PF) की राशि रिलीज करने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने कार्रवाई का प्लान तैयार किया।

गुरुवार को एसीबी की 8 सदस्यीय टीम गुप्त रूप से गुमला पहुंची और ट्रैप लगाकर राजकुमार साहनी को उनके करम टोली स्थित आवास से रिश्वत लेते समय दबोच लिया।

पहले गुमला थाना, फिर रांची ले जाया गया

गिरफ्तारी के तुरंत बाद एसीबी की टीम आरोपी को गुमला थाना लेकर पहुंची, जहां उससे प्राथमिक पूछताछ की गई। इसके बाद उसे आगे की जांच और कार्रवाई के लिए रांची स्थित एसीबी मुख्यालय ले जाया गया।

भ्रष्टाचार की जड़ तक जाएगी जांच

एसीबी अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में सिर्फ एक अधिकारी ही शामिल है या इसके पीछे और भी कोई नेटवर्क काम कर रहा है, इसकी गहराई से जांच की जाएगी। आरोपी के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की संभावना से भी इंकार नहीं किया गया है।

गुमला में हड़कंप, सरकारी महकमे में खलबली

इस कार्रवाई के बाद गुमला जिला प्रशासन और सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है। आम जनता और कर्मचारी वर्ग के बीच इस खबर की खूब चर्चा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रिश्वतखोरी सरकारी कामकाज में सबसे बड़ी बाधा बन चुकी है और एसीबी की ऐसी कार्रवाई से भ्रष्ट अफसरों को बड़ा सबक मिलेगा।

पहले भी जेल जा चुके हैं कई अफसर

गौरतलब है कि हाल के महीनों में एसीबी ने झारखंड में कई अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वतखोरी के मामलों में गिरफ्तार किया है। एसीबी का कहना है कि “भ्रष्टाचार के मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। जनता से वसूली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

क्या है भविष्य निधि (PF) का मामला?

शिकायतकर्ता जनसेवक धनंजय प्रसाद ने बताया कि उनका भविष्य निधि की राशि रिलीज होना था, जिसके लिए लेखपाल साहनी ने उनसे 20 हजार रुपए की मांग की थी। मजबूर होकर उन्होंने एसीबी से संपर्क किया और पूरी योजना बनाई गई।

आगे की कार्रवाई

एसीबी ने राजकुमार साहनी को हिरासत में लेकर रांची ले जाया है। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की तैयारी चल रही है।

यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है। हालांकि, एसीबी की सक्रियता से आम जनता को उम्मीद बंधी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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