रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिला है। स्वास्थ्य मंत्री और रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी ने रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को पद से बर्खास्त कर दिया है। इस निर्णय पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति भी प्राप्त कर ली गई है।
Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P
निर्देशों की अवहेलना बना बर्खास्तगी का कारण
स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ. राजकुमार ने मंत्री परिषद, शासी परिषद और स्वास्थ्य विभाग के जनहित में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया। साथ ही, रिम्स अधिनियम-2022 के तहत निर्धारित लक्ष्यों को भी वे हासिल नहीं कर सके। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उनकी सेवा संतोषजनक नहीं रही, जिस कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जा रहा है।
मिली तीन महीने की वेतन और भत्ते की राहत
हालांकि, नियमों के तहत डॉ. राजकुमार को रिम्स नियमावली-2022 के नियम 9(6) के अंतर्गत तीन महीने का वेतन और भत्ता प्रदान किया गया है। यह बर्खास्तगी आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
“सिस्टम सुधारने आया हूं” – डॉ. इरफान अंसारी
इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “मैं यहां केवल मंत्री बनने नहीं आया हूं, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य सिस्टम को सुधारने आया हूं। जो अधिकारी राज्य हित में काम करेगा, उसे इनाम मिलेगा, और जो लापरवाही करेगा, वह दंडित होगा।”
शासी परिषद की बैठक में हुई थी बहस
सूत्रों के अनुसार, डॉ. राजकुमार छुट्टी पर थे और उन्होंने निदेशक का प्रभार डीन डॉ. शशिबाला सिंह को सौंप दिया था। 15 अप्रैल को रिम्स शासी परिषद की 59वीं बैठक में कुछ मुद्दों को लेकर डॉ. राजकुमार और मंत्री के बीच तीखी बहस भी हुई थी। इससे पहले भी रिम्स में तीन निदेशक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, जिनमें डॉ. डीके सिंह और डॉ. कामेश्वर प्रसाद शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
लखनऊ से रांची तक का सफर
डॉ. राजकुमार को 31 जनवरी 2024 को रिम्स निदेशक नियुक्त किया गया था। इससे पूर्व वे लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे। अब उनकी रिम्स में तैनाती महज ढाई महीने में ही समाप्त हो गई।