झारखंड के चार युवा, पुलकित जैन, विश्वजीत कुमार, सूर्यप्रताप सिंह और गौरव कुमार, ने एक ऐसा स्टार्टअप तैयार किया है जो पेट्रोल और डीजल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो में बदलने की तकनीक पर काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट को “इलेक्ट्रो मोशन ई-इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड” नाम दिया गया है. इसे केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड से 3.4 करोड़ रुपए का फंड मिला है.
कैसे काम करेगा यह प्रोजेक्ट?
इस प्रोजेक्ट में पेट्रोल और डीजल ऑटो को इलेक्ट्रिक ऑटो में बदलने की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा. पुलकित जैन के अनुसार, नया वाहन बनाने के बजाय पुराने ऑटो को इलेक्ट्रिक में रेट्रोफिट किया जाएगा. इस प्रक्रिया में करीब 60,000 रुपए का खर्च आएगा. इसके लिए फाइनेंस की सुविधा भी दी जाएगी.
फायदे:
• इंधन और मेंटेनेंस खर्च में कमी: पेट्रोल या डीजल की तुलना में इलेक्ट्रिक ऑटो का संचालन बेहद सस्ता होगा.
• बैटरी चार्जिंग: एक बार चार्ज करने पर यह ऑटो 100 किलोमीटर से ज्यादा चलेगा.
• लोडिंग कैपेसिटी: यह आम ऑटो की तरह ही लोडिंग क्षमता प्रदान करेगा.
• ड्राइवर डिस्प्ले: इसमें बैटरी स्टेटस, रूट और सड़क की स्थिति की जानकारी देने वाला डिस्प्ले भी होगा.
• इससे न केवल ऑटो चालकों की आय में वृद्धि होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और यातायात व्यवस्था में सुधार भी होगा.
फंडिंग और समर्थन
• 2018 से काम कर रही इस टीम को अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से सहयोग मिला है.
• लंदन के वेंचर कैपिटलिस्ट और नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनआरडीसी) से निवेश प्राप्त हुआ.
• एमएसएमई से प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए सहयोग मिला.
• अब 3.4 करोड़ रुपए की सरकारी फंडिंग से इसे बड़े स्तर पर व्यवसायिक रूप देने की योजना है.
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
इस प्रोजेक्ट का पायलट परीक्षण पुणे में किया गया. वहां 10 इलेक्ट्रिक रेट्रोफिट ऑटो चलाए जा रहे हैं, जिसे बहुत सराहा गया. सूर्यप्रताप सिंह के अनुसार, पुणे नगर निगम ने ऑटो चालकों को 60,000 रुपए का अनुदान देने की सहमति दी है, ताकि वे अपने पुराने डीजल या पेट्रोल ऑटो को इलेक्ट्रिक में बदल सकें. महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने भी इस प्रोजेक्ट को लाइसेंस प्रदान कर दिया है. अब जल्द ही बड़े पैमाने पर काम शुरू होगा.
पर्यावरण और समाज पर असर
• पर्यावरण संरक्षण: पेट्रोल और डीजल की खपत कम होने से प्रदूषण में भारी गिरावट आएगी.
• ऑटो चालकों का फायदा: रेट्रोफिटिंग से चालकों को 65% तक की बचत होगी.
• यात्री किराए में कमी: ईंधन लागत कम होने से किराए में भी कमी आ सकती है.