देवघर में तीन फरवरी को बसंत पंचमी मेला: मिथिलांचल से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू….

देवघर में तीन फरवरी को आयोजित होने वाले बसंत पंचमी मेले को लेकर बाबा नगरी में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है. खासकर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ का तिलक करने के लिए पहुंच रहे हैं. यह मेला बाबा धाम का सबसे प्राचीन मेला माना जाता है, जिसमें परंपरागत रूप से श्रद्धालु कांवर लेकर सुल्तानगंज से देवघर पहुंचते हैं और बसंत पंचमी के दिन बाबा का तिलक करते हैं.

मिथिलांचल में होली की शुरुआत बसंत पंचमी से

मिथिलांचल के लोग खुद को माता पार्वती का भाई मानते हैं, इसलिए बाबा बैद्यनाथ को तिलक करने की परंपरा निभाते हैं. इस अवसर पर वे अबीर, गुलाल और रंगों से खेलते हैं, जिससे मिथिलांचल में होली के पर्व की शुरुआत भी मानी जाती है. बाबा का तिलक करने के बाद श्रद्धालु एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हैं और बाबा के जयकारे लगाते हुए नगर में भव्य शोभायात्रा निकालते हैं.

भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह 26 फरवरी को

बसंत पंचमी के बाद, बाबा बैद्यनाथ और माता पार्वती का विवाह उत्सव 26 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, अबीर-गुलाल अर्पण और मालपुआ का भोग लगाया जाएगा. बाबा और माता पार्वती को फाल्गुन पूर्णिमा तक अबीर-गुलाल चढ़ाने की परंपरा है.

पारंपरिक विधि से होगी पूजा

तीन फरवरी को शाम साढ़े छह बजे बाबा का तिलकोत्सव पूजा आयोजित किया जाएगा. इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में विद्वान आचार्यों और मंदिर पुजारियों द्वारा पंचोपचार विधि से बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा होगी. इसमें बाबा और माता पार्वती के निमित्त आम्र मंजर, अबीर, पान, पंचमेवा, फल आदि अर्पित किए जाएंगे और तिलक की रस्म पूरी की जाएगी.

श्रद्धालुओं का डेरा खुले आसमान के नीचे

हर साल की तरह इस वर्ष भी बसंत पंचमी मेले में श्रद्धालुओं का डेरा खुले मैदानों में लग रहा है. बाबा के भक्त बसंत पंचमी से तीन-चार दिन पहले ही कांवर लेकर देवघर पहुंच रहे हैं और शहर के खाली मैदानों में तंबू लगाकर ठहर रहे हैं. ये श्रद्धालु दिन-रात भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं और भगवान सीताराम और बाबा बैद्यनाथ के भजन गाते हुए वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं.

सरकारी स्कूलों में तिलकहरुओं के ठहरने की व्यवस्था

बाबा बैद्यनाथ धाम में हर साल मिथिलांचल के हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं, इसलिए प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूलों और खुले मैदानों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है. बाबा धाम में मिथिला का पारंपरिक रंग चढ़ने लगा है, जिससे पूरे शहर में भक्ति और उल्लास का माहौल बन गया है.

तीन से चार दिनों तक श्रद्धालु रहेंगे बाबा नगरी में

बसंत पंचमी के दिन बाबा बैद्यनाथ का तिलक करने के बाद, श्रद्धालु तीन से चार दिनों तक देवघर में रुकते हैं और भजन-कीर्तन के साथ धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. तिलकोत्सव के बाद, बाबा के जयकारों के साथ श्रद्धालु अपनी यात्रा पूर्ण कर लौट जाते हैं.

मेला प्रशासन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

बसंत पंचमी मेले में हजारों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. नगर प्रशासन और पुलिस बल को तैनात किया गया है, ताकि मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो. प्रशासन का कहना है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा शिविर और पेयजल व्यवस्था भी की गई है.

बाबा नगरी में उमड़ा भक्तों का सैलाब

तीन फरवरी को बसंत पंचमी मेले के दौरान बाबा नगरी पूरी तरह से भक्तिमय माहौल में डूब जाएगी. मिथिलांचल से आए श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है. हर ओर बाबा बैद्यनाथ के जयकारों, भजन-कीर्तन और श्रद्धालुओं के उल्लास की गूंज सुनाई दे रही है. बाबा बैद्यनाथ के तिलकोत्सव और विवाह की इन धार्मिक परंपराओं को निभाने के लिए देशभर से श्रद्धालु देवघर पहुंच रहे हैं, जिससे बाबा धाम का यह उत्सव और भी भव्य हो गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×