रिम्स परिसर में सरस्वती पूजा पर रोक, छात्रों और डॉक्टरों ने फैसले का किया विरोध

रिम्स प्रबंधन ने इस वर्ष परिसर में सरस्वती पूजा के आयोजन पर रोक लगा दी है। यह निर्णय शुक्रवार रात रिम्स छात्रों और बाहरी युवकों के बीच हुई मारपीट की घटना के बाद लिया गया। इस संबंध में रिम्स की डीन डॉ. शशि बाला सिंह ने शनिवार को एक आदेश जारी किया।

डीन ने अपने आदेश में निर्देश दिया कि सरस्वती पूजा के लिए जो चंदा लिया गया है, उसे छात्रों को वापस किया जाए। साथ ही, हॉस्टल नंबर 8 के छात्रों को हॉस्टल परिसर से अपने वाहन हटाने के लिए कहा गया है।

मारपीट की घटना का असर

शुक्रवार रात कोकर स्थित तिरिल बस्ती में रिम्स के छात्र रविश कुमार सुमन पर कुछ युवकों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि रविश अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने कैफे गया था। वहां पहले से मौजूद युवकों के साथ उसका विवाद हो गया, जो मारपीट में बदल गया। हमले में गंभीर रूप से घायल रविश को आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

इस घटना के बाद प्रबंधन ने सरस्वती पूजा के आयोजन पर रोक लगाने का फैसला किया। छात्रों का कहना है कि पूजा पंडाल का निर्माण आधा हो चुका है और उसका भुगतान भी किया जा चुका है, जिससे यह निर्णय उन्हें अस्वीकार्य लग रहा है।

डॉ. विकास का विरोध

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. विकास ने रिम्स प्रबंधन के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “रिम्स के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि सरस्वती पूजा पर रोक लगाई गई हो। यह निर्णय छात्रों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।”

छात्रों की प्रतिक्रिया

छात्रों का कहना है कि सरस्वती पूजा रिम्स के वार्षिक आयोजनों का हिस्सा है और यह न केवल धार्मिक आस्था बल्कि छात्रों के सांस्कृतिक एकजुटता का प्रतीक है। वे प्रबंधन से अपना निर्णय वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

प्रबंधन का पक्ष

प्रबंधन का कहना है कि परिसर में शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने छात्रों से सहयोग की अपील की है और कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।इस विवाद को लेकर छात्रों और प्रबंधन के बीच तनाव बना हुआ है।

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