कांके स्थित बेकन फैक्ट्री को करीब 24 साल बाद खोलने की तैयारी की जा रही है। इस फैक्टरी के खुलने से करीब चार हज़ार युवाओं को रोज़गार मिल सकेगा। साथ ही सूबे में सूकर पालन से जुड़े लगभग ढाई लाख की आबादी को आजीविका का साधन मिल सकेगा।
गौरतलब है की बेकन फैक्ट्री को खोलने का दावा हेमंत सरकार द्वारा पहले ही किया जा चुका था। हालांकि कोविड -19 की वजह से फैक्ट्री को खोलने का कार्य बाधित हो गया लेकिन अब पशुपालन विभाग इसे दोबारा खोलने की तैयारी में लगा हुआ है। साथ ही फैक्ट्री को खोलने की मांग को ले कर लगातार राजनीति भी हो रही है।
भाजपा लगातार हेमंत सरकार से बेकन फैक्ट्री खोलने की मांग कर रही है। इस विधानसभा क्षेत्र के विधायक समरी लाल ने इसे खोलने की मांग करते हुए कहा है कि इसको खोलने के बाद युवाओं को रोज़गार के साथ सूकर मांस की मार्केटिंग हो सकेगी। इधर विभागीय निदेशक निशा उरांव ने कहा की फैक्ट्री को पहले भी कई बार खोलने का प्रयास किया गया लेकिन कुछ तकनीकी कारणों की वजह से कार्य स्थगित कर दिया गया। लेकिन अब इस दिशा में में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
खुले में बिना लाइसेंस के सूकर मांस काटने पर लगे प्रतिबन्ध के कारण सूकर मांस की बिक्री बंद है, जिस वजह से सुकर पलकों को आर्थिक क्षति पहुँच रही है। कांके में खस्सी व भेड़ काटने के लिए स्लॉटर बने हुए हैं लेकिन सूकर काटने की कोई व्यवस्था नहीं है।
आपको बता दें की पहले इस फैक्ट्री से पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों में सूकर मांस की आपूर्ति रेडी-टू-ईट फ़ूड के रूप में की जाती थी जिसमे हैम, सलामी , हॉट डॉग इत्यादि काफी लोकप्रिय थे। उम्मीद है की फैक्ट्री के दोबारा खुलने से इन राज्यों में सूकर मांस की सप्लाई वापस शुरू की जा सकेगी।