झारखंड में ईडी से बचाव के लिए सीएम हेमंत सोरेन और अनुराग गुप्ता के बीच हुई डील: बाबूलाल मरांडी का आरोप

 

रांची: झारखंड की राजनीति में शुक्रवार को एक बार फिर उथल-पुथल मच गई जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए। भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मरांडी ने कहा कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई से बचने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता से एक गुप्त डील की थी।

Follow the Jharkhand Updates channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VafHItD1SWsuSX7xQA3P

मरांडी ने दावा किया कि अनुराग गुप्ता की डीजीपी पद पर नियुक्ति की मुख्य शर्त यह थी कि वे राज्य में ईडी की जांचों को प्रभावित करेंगे और भ्रष्टाचार के मामलों में गवाहों पर दबाव डालेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों को दबाने के लिए गवाहों पर झूठे केस दर्ज किए, और ईडी अफसरों को डराने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया गया।

उन्होंने यह भी बताया कि अनुराग गुप्ता को फरवरी 2020 से मई 2022 तक निलंबित रखा गया था, लेकिन बाद में सीएम से ‘समझौता’ होने के बाद उन्हें डीजीपी बनाया गया। मरांडी के अनुसार, अनुराग गुप्ता के निर्देश पर ईडी के खिलाफ तीन केस दर्ज कराए गए, जिन पर हाईकोर्ट को रोक लगानी पड़ी।

राज्य डीजीपी विहीन, पुलिस प्रशासन अस्थिर

बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां पिछले दो दिनों से डीजीपी का पद रिक्त है। अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए और भारत सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार देने से मना कर दिया। ऐसे में उनके द्वारा लिए गए निर्णय और आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय की दृष्टि में असंवैधानिक हैं।

अनुराग गुप्ता पर पहले से हैं गंभीर आरोप

मरांडी ने यह भी याद दिलाया कि अनुराग गुप्ता पर पहले से ही भ्रष्टाचार, पक्षपात और धोखाधड़ी के आरोपों में केस दर्ज हो चुका है। मगध विश्वविद्यालय थाना में दर्ज केस नंबर 64/2000 में उनके खिलाफ IPC की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई हुई थी। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार से उस केस में अभियोजन स्वीकृति के लिए अनुरोध भी किया गया था।

अनुराग गुप्ता ने प्रतिक्रिया देने से किया इनकार
इस पूरे मामले पर अनुराग गुप्ता ने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा नेता शिवपूजन पाठक और अजय साह भी उपस्थित थे।

प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी द्वारा लगाए गए इन आरोपों ने झारखंड की सियासत में एक बार फिर गर्मी ला दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या जल्द ही नए डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×