राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित “राइजिंग राजस्थान प्रवासी एंड इंडस्ट्रियल मीट” के दौरान कहा कि रांची से जयपुर के लिए सीधी ट्रेन और रोजाना सीधी विमान सेवा जल्द शुरू की जाएगी. यह घोषणा शहर के व्यापारियों और राजस्थान से जुड़े प्रवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए की गई है. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बातचीत की है, जिन्होंने झारखंड में आगामी चुनावों से पहले रांची-जयपुर ट्रेन शुरू करने का आश्वासन दिया है.
रांची-जयपुर सीधी ट्रेन सेवा की मांग
कार्यक्रम के दौरान, जेडआरयूसीसी (जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी) के सदस्य अरुण जोशी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर झारखंड संपर्कक्रांति एक्सप्रेस को जयपुर तक विस्तारित करने की मांग की. उन्होंने बताया कि वर्तमान में रांची से जयपुर के लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा नहीं है. इससे पहले रांची से अजमेर के लिए गरीब नवाज एक्सप्रेस चलाई जाती थी, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया. अरुण जोशी ने कहा कि रांची से राजस्थान के धार्मिक स्थलों, जैसे खाटू श्याम बाबा और सालासर बालाजी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाते हैं. वहीं, राजस्थान से भी श्री सम्मेद शिखर तीर्थ (पारसनाथ) जैसे स्थलों की यात्रा के लिए जैन तीर्थयात्री झारखंड आते हैं. ऐसे में रांची-जयपुर सीधी ट्रेन सेवा का विस्तार यात्रियों की सुविधा के लिए बेहद जरूरी है. जोशी ने यह भी मांग की कि एक नई साप्ताहिक ट्रेन चलाई जाए, जो रांची से होकर लोहरदगा, टोरी, रेणुकूट, चोपन, प्रयागराज, गोविंदपुरी और मथुरा होते हुए जयपुर तक पहुंचे. इससे दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों को अधिक विकल्प मिल सकेंगे.
राइजिंग राजस्थान प्रवासी एंड इंडस्ट्रियल मीट का आयोजन
नौ से 11 दिसंबर तक आयोजित राइजिंग राजस्थान प्रवासी एंड इंडस्ट्रियल मीट का उद्देश्य प्रवासी राजस्थानियों और निवेशकों को राजस्थान में निवेश के लिए प्रेरित करना था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों से अपील की कि वे अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री राजस्थान में कराएं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार निवेशकों के लिए सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और वहां निवेश की अपार संभावनाएं हैं. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में पर्यटन, खनिज संपदा और धार्मिक स्थलों के विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं. 300 करोड़ रुपये की लागत से मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है और 100 करोड़ रुपये की लागत से खाटू बाबा का नया मंदिर बनाया जा रहा है. इसके अलावा, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं.
व्यापारी वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने व्यापारियों की अहम भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि व्यापारी देश और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद पहले ही महीने में व्यापारियों ने 1.21 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी योगदान दिया, जो लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि एक ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री यहां व्यापारियों को आमंत्रित कर रहे हैं, जबकि झारखंड के मुख्यमंत्री व्यापारी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं. संजय सेठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत नये आयाम छू रहा है और आज देश 90 देशों को सैन्य सामग्री निर्यात कर रहा है. जल्द ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है.
कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट जनों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद अजय मारू, महेश पोद्दार, विधायक समरी लाल, रांची के पूर्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, धनबाद के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, राजस्थान फाउंडेशन की आयुक्त मनीषा अरोड़ा समेत कई विशिष्ट जन उपस्थित थे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों को राज्य में निवेश के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार उनके हितों का पूरा ध्यान रखेगी. उन्होंने बताया कि राजस्थान में अपार संभावनाएं हैं और सरकार इन संभावनाओं को निवेशकों के साथ मिलकर साकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
भविष्य की योजनाएं
रांची से जयपुर के बीच ट्रेन और विमान सेवा शुरू करने के अलावा, मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी कहा कि राजस्थान के लोगों के लिए हर राज्य में राजस्थान भवन बनाया जाएगा. इसके लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी भेजे जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में पानी की समस्या को दूर करने के लिए भी कई योजनाएं बनाई गई हैं और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ग्रीनफील्ड परियोजनाएं लागू की जा रही हैं.