विधानसभा चुनाव: भाजपा निकालेगी परिवर्तन संकल्प यात्रा, सीट शेयरिंग पर जदयू-आजसू से चर्चा….

झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति की पहली बैठक सोमवार को आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने की. इस बैठक में चुनावी तैयारियों पर गहन मंथन हुआ और राज्य के सभी छह प्रमंडलों से परिवर्तन संकल्प रैली निकालने का फैसला किया गया. इन रैलियों के माध्यम से भाजपा राज्य सरकार को रोजगार के मामले में वादाखिलाफी और बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर घेरने की योजना बना रही है.

महत्वपूर्ण नेता रहे मौजूद

बैठक में झारखंड चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कुमार राय, नीलकंठ सिंह मुंडा, सांसद विद्युत वरण महतो, बालमुकुंद सहाय, प्रदेश महामंत्री एवं सांसद आदित्य साहू, डॉ. प्रदीप वर्मा, मनोज सिंह, पूर्व सांसद सुनील सिंह, श्याम नारायण दुबे, केदार हाजरा, आरती सिंह, गणेश तिवारी समेत कई अन्य नेता शामिल हुए.

बैठक में उठाए गए मुख्य मुद्दे

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भाजपा राज्य सरकार को उसकी नाकामयाबियों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए विभिन्न मुद्दों पर जनता के बीच जाएगी. राज्य सरकार पर खासतौर से रोजगार के मामले में वादाखिलाफी और बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे जोरशोर से उठाए जाएंगे. हालांकि, चुनाव समिति की इस पहली बैठक में संभावित प्रत्याशियों पर चर्चा नहीं की गई.

सीट शेयरिंग पर चल रही है बातचीत

झारखंड चुनाव सह प्रभारी हिमंता विश्व सरमा ने बताया कि झारखंड में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर जदयू और आजसू के साथ बातचीत चल रही है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इसके अलावा, लोजपा के साथ गठबंधन पर भी दिल्ली में बातचीत होने की बात कही गई.

प्रधानमंत्री मोदी का झारखंड दौरा

हिमंता विश्व सरमा ने यह भी जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को झारखंड के दौरे पर आएंगे. इस दौरान वे एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होंगे और इसके साथ ही पार्टी के कार्यक्रम में भी भाग लेंगे. हिमंता विश्व सरमा ने कहा कि झारखंड में उत्पाद सिपाही बहाली मामले में उनके द्वारा की गई प्रेस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो फैसला लिया है, उसका वे स्वागत करते हैं और इसे असली लोकतंत्र का उदाहरण मानते हैं.

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