झारखंड के अर्थव वशिष्ठ ने ‘सुपरस्टार सिंगर’ का खिताब जीतकर राज्य और देश का नाम रोशन किया है. अपनी जीत के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने सफर, संगीत के प्रति अपने जुनून और आने वाले दिनों के बारे में बात की. अर्थव ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही संगीत की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था. उनके परिवार ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और संगीत के प्रति उनका प्रेम बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे संगीत के लिए प्रेरित किया और मेरे हर फैसले में मेरा साथ दिया”.
शो में अनुभव
सुपरस्टार सिंगर के मंच पर अपने अनुभव को साझा करते हुए अर्थव ने कहा कि यह सफर उनके लिए बहुत ही अद्भुत और शिक्षाप्रद रहा. उन्होंने बताया कि इस मंच पर उन्हें अलग-अलग शैली के गाने गाने का मौका मिला, जिससे उनके गायन में सुधार हुआ. अर्थव ने कहा “मैंने हर तरह के गाने गाए, पहचान पुराने गानों से मिली”.
संगीत का महत्व
अर्थव ने इस बात पर जोर दिया कि एक गायक के लिए वल्लासिकल संगीत का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, “वल्लासिकल संगीत की नींव मजबूत होने से गायक किसी भी शैली के गाने आसानी से गा सकता है. यह आपको न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त बनाता है बल्कि आपके गायन में भी गहराई लाता है”. साथ ही अर्थव ने बताया कि वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ संगीत में भी आगे बढ़ना चाहते हैं. वह आने वाले दिनों में और भी बड़े मंचों पर परफॉर्म करना चाहते हैं और संगीत के क्षेत्र में एक पहचान बनाना चाहते हैं. अर्थव ने कहा कि “मेरी इच्छा है कि मैं एक ऐसा गायक बनूं जो हर किसी के दिल में बस जाए”.
प्रशंसा और समर्थन
अर्थव ने अपने माता-पिता, गुरुजनों और दोस्तों का धन्यवाद किया जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया. उन्होंने कहा, “मेरे परिवार और दोस्तों का समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखता है। उनके बिना मैं यह सफर तय नहीं कर पाता”.