हजारीबाग के छड़वा व गोंदा डैम में विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू..

झारखंड के हजारीबाग जिला के छड़वा डैम और गोंदा डैम में विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। हर वर्ष सर्दी के मौसम में ये पक्षी झारखंड आते हैं। साइबेरिया से करीब 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके ये प्रवासी पक्षी झारखंड आते हैं। इस वर्ष बेहद खूबसूरत चिड़िया ‘लेसर वाइट फ्रंटिड गूज’ यहाँ दिखाई दी है। बर्डवाचर अमित जैन ने इसकी तस्वीर 18 और 19 नवंबर को ली है। चिड़ियों को देखने के बाद उसकी सूचना डालने के इंटरनेट प्लेटफार्म ई बर्ड के अनुसार अबतक लेसर वाइट फ्रंटिड गूज झारखंड-बिहार में पहली बार देखी गई है। अभी तक देश में बर्ड वाचर्स ने मात्र 328 बार इसे देखा है।

असम-उड़ीसा से इसकी रिपोर्टिंग की गई है, लेकिन बिहार-झारखंड से कोई रिपोर्ट नहीं है। इंडियन बर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क क स्टेट कोऑर्डिनेटर झारखंड डॉ सत्य प्रकाश ने गूज की तस्वीर देखकर पुष्टि की है।

पहचान… चॉकलेट ब्राउन कलर और गुलाबी चोंच..
लेसर वाइट फ्रंटिड गूज को आप भी देखेंगे तो मन प्रफुल्लता से भर जाएगा। रंग डार्क चॉकलेट ब्राउन, माथा दमकता सफेद और चोंच एकदम बबलगम पिंक। पैर नारंगी और किनारे पर एक सफेद रेखा के चारों तरफ दिखता है। पानी में यह पक्षी हमेशा ग्रेलैग गीज और बार हेडेड गीज के साथ दिखते हैं। प्रवास में जलाशय के वैसे गीले किनारे जहां घास होते हैं, उनमें ये समय बिताते हैं।

विदेशी मेहमानों को नुकसान पहुंचाना दंडनीय अपराध..
इन विदेशी मेहमानों को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना या इनका शिकार करना दंडनीय अपराध है। इनका शिकार करने वालों की सूचना संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी को दी जा सकती है। एक वनरक्षी ने बताया कि ये पक्षी जब उड़ान भरते हैं, तो इनके की आकृति अंग्रेजी के वी (V) लेटर की तरह होती है। उड़ते समय आवाज भी करते हैं। पानी में उतरते समय फाइटर प्लेन की तरह लैंड करते हैं।

दिसंबर में होती है विदेशी पक्षियों की गिनती..
डीएफओ आरएन मिश्रा ने बताया कि कि विदेशी पक्षियों की सुरक्षा और उनके संरक्षण के लिए वन विभाग बराबर गश्ती करवाती है। दिसंबर महीने में इनकी गिनती करवायी जाती है। पक्षियों को मरने वालों पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है।

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