मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के लिए आवेदन अब ऑफलाइन भी होंगे जमा…

झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. महिलाओं की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने अब इस योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को और सरल बना दिया है. अब महिलाएं इस योजना के लिए ऑफलाइन भी आवेदन कर सकेंगी. इससे पहले यह आवेदन प्रक्रिया केवल ऑनलाइन माध्यम से ही उपलब्ध थी, जिससे ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं और जिनकी आय सीमित है. इस योजना के अंतर्गत 21 से 50 साल की महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है. सरकार का मानना है कि इस आर्थिक सहायता से महिलाओं को अपने दैनिक जीवन के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी, साथ ही वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगी.

आवेदन प्रक्रिया में बदलाव

सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब महिलाएं अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या पंचायत भवन में जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकेंगी. इस बदलाव का उद्देश्य उन महिलाओं को सहायता पहुंचाना है जो डिजिटल साधनों से अनभिज्ञ हैं या जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है. कैबिनेट की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि संबंधित अधिकारी इन आवेदनों की जांच करेंगे और योग्य महिलाओं को योजना का लाभ जल्द से जल्द प्रदान किया जाएगा.

सरकार की नई पहल

कैबिनेट की इस बैठक में महिलाओं की सहायता के लिए अन्य कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए. उदाहरण के तौर पर, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को विभिन्न व्यवसायिक कौशल सिखाए जाएंगे ताकि वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकें.

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

बैठक में हवाई यात्रा के किराए में भी 66 प्रतिशत तक की कटौती की गई है. रांची से अन्य प्रमुख शहरों के लिए हवाई यात्रा अब और सस्ती हो गई है. इस निर्णय का लाभ उन यात्रियों को होगा जो नियमित रूप से हवाई यात्रा करते हैं. नई दरों के अनुसार, रांची से दिल्ली के बीच का किराया अब 5 लाख रुपये से घटाकर 3.10 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि रांची-मुंबई का किराया 7 लाख रुपये से 4.30 लाख रुपये कर दिया गया है.

पारंपरिक ग्राम प्रधानों का सम्मान

कैबिनेट ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों की मानदेय राशि को भी दोगुना करने का निर्णय लिया है. यह कदम सरकार की ओर से उन पारंपरिक नेताओं के प्रति सम्मान और उनके कार्यों की सराहना के रूप में उठाया गया है, जो अपने गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अब ग्राम प्रधानों को प्रति माह मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी कर दी गई है, जिससे वे अपने गांव के विकास कार्यों को और प्रभावी ढंग से कर सकें.

शिक्षा क्षेत्र में सुधार

बैठक में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए भी एक पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करने का निर्णय लिया गया है. इससे उन शिक्षकों और कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी जो लंबे समय से इस मांग को उठा रहे थे. सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए कई अन्य कदम भी उठाने का निर्णय लिया है, जिनमें नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार शामिल हैं.

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