झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है. वे शुक्रवार को झारखंड विधानसभा में यूनिसेफ द्वारा आयोजित ‘राउंड टेबल ऑन प्रीवेंटिंग चाइल्डहुड नॉन कम्युनिकेबल डिसीज थ्रू हेल्दी डाइट्स’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि आजकल डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और अस्थमा जैसी गैर-संचारी बीमारियां (Non-Communicable Diseases – NCDs) तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. इन बीमारियों का मुख्य कारण खराब जीवनशैली, असंतुलित खान-पान, पर्यावरणीय प्रभाव और आनुवंशिक कारण हैं. अगर लोग समय रहते सतर्क नहीं हुए, तो ये बीमारियां जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए खान-पान में सुधार करना, हेल्दी डाइट अपनाना और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हम अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहे, तो आगे चलकर बीमारियों के इलाज में भारी खर्च उठाना पड़ सकता है, और फिर भी पूरी तरह स्वस्थ होने की गारंटी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और बीमारियों की रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.
गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी – सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है. इन बीमारियों की चपेट में आने के बाद इलाज मुश्किल हो जाता है और खर्च भी बहुत अधिक होता है. ऐसे में, लोगों को स्वस्थ खान-पान और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजकल जंक फूड्स और अस्वस्थ आहार बच्चों को बीमार बना रहे हैं. इससे आगे चलकर वे कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं. इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों की खान-पान की आदतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. हेल्दी डाइट अपनाने और जंक फूड्स से दूरी बनाने से कई बीमारियों को रोका जा सकता है.
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए राज्य सरकार कर रही है प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि झारखंड के हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें. इसके लिए सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक और मजबूत बना रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में बीमारियों की पहचान और उनके उचित इलाज के लिए हेल्थ रिपोर्ट कार्ड तैयार करने पर भी जोर दिया जा रहा है. राज्य स्तर पर हेल्थ रिपोर्ट कार्ड तैयार करने से बीमारियों का सही आंकलन किया जा सकेगा और उनके इलाज की बेहतर व्यवस्था की जा सकेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि राज्य के हर नागरिक को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को.
मिलेट्स का करें उपयोग, जंक फूड से रहें दूर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जोर देकर कहा कि आज बढ़ती बीमारियों की सबसे बड़ी वजह खराब खान-पान की आदतें हैं. जंक फूड्स का ज्यादा सेवन बच्चों और युवाओं के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमें अपने खान-पान की आदतों को बदलना होगा और अधिक से अधिक मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, रागी आदि) जैसे पारंपरिक अनाजों को अपने आहार में शामिल करना होगा. उन्होंने माता-पिता से अपील की कि बच्चों को हेल्दी डाइट दें और जंक फूड्स से बचाएं. उन्होंने कहा कि झारखंड में पारंपरिक और स्थानीय खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिसेफ जैसी संस्थाएं झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. यूनिसेफ ने कई रोगों के उन्मूलन में मदद की है और राज्य सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिशों के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं और आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं को और भी मजबूत किया जाएगा.
यूनिसेफ के साथ मिलकर सरकार कर रही है कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और यूनिसेफ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए काम कर रहे हैं. यूनिसेफ ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए कई नई योजनाओं पर काम कर रही है, ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों तक अच्छी चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाई जा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिए भी सरकार कई अभियान चला रही है. इस कार्यक्रम में झारखंड सरकार के मंत्री योगेंद्र महतो, मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक कल्पना सोरेन सहित कई अन्य विधायक उपस्थित थे. यूनिसेफ की डॉ. कनीनिका मित्रा, आस्था अलंग और अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर मौजूद रहे.