रंगों का त्योहार होली नजदीक आते ही लोगों में घर जाने की उत्सुकता बढ़ गई है. हर कोई अपनों के साथ त्योहार मनाने के लिए बेताब नजर आ रहा है. हालांकि, बढ़ती भीड़ के कारण आवागमन की सभी सुविधाएं नाकाफी साबित हो रही हैं. ट्रेनों में टिकट मिलना मुश्किल हो गया है, बसों में पहले ही सीटें बुक हो चुकी हैं, और हवाई यात्रा भी सामान्य से दोगुना महंगी हो गई है.
ट्रेनों में सीटों की भारी किल्लत
रांची से बिहार और अन्य राज्यों की ओर जाने वाली ट्रेनों में सीटों की जबरदस्त मारामारी है. खासकर 12 और 13 मार्च को ट्रेनों में एक भी आरक्षित सीट उपलब्ध नहीं है. लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट काफी लंबी हो गई है. हालात यह हैं कि आमतौर पर आरामदायक यात्रा के लिए जानी जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस में भी 12 और 13 मार्च को कोई सीट खाली नहीं है. झारखंड से पश्चिम बंगाल जाने वाली हटिया-हावड़ा क्रिया योग एक्सप्रेस में भी 12 और 13 मार्च को स्लीपर श्रेणी की कोई बर्थ उपलब्ध नहीं है. थर्ड एसी में भी लंबी प्रतीक्षा सूची चल रही है. इसी तरह अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनों में टिकट की भारी किल्लत है, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है.
स्पेशल ट्रेनों का संचालन, फिर भी राहत नहीं
भारतीय रेलवे ने होली को देखते हुए कुछ स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके. लेकिन इन ट्रेनों में भी आरक्षित सीटें भर चुकी हैं.
आज चलने वाली स्पेशल ट्रेनें:
• रांची-जयनगर होली स्पेशल – दोपहर 2:50 बजे प्रस्थान
• गोंदिया-पटना स्पेशल ट्रेन – सुबह 11:00 बजे प्रस्थान
• रांची-गोरखपुर होली स्पेशल – रात 11:55 बजे प्रस्थान
हालांकि, इन ट्रेनों में भी कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो गया है.
बसों में मनमाना किराया, सीटों की भी किल्लत
ट्रेनों में सीट न मिलने के कारण लोगों का रुख बसों की ओर बढ़ गया है, लेकिन यहां भी स्थिति ज्यादा अलग नहीं है. अधिकतर बसों की सीटें पहले से ही बुक हो चुकी हैं. बस संचालक इस बढ़ी हुई मांग का फायदा उठाकर यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं. आम दिनों की तुलना में होली के दौरान बस किराए में भारी वृद्धि हुई है. उदाहरण के लिए –
• दरभंगा और मुजफ्फरपुर जाने वाली बसों में सामान्य किराया 600 रुपये था, जो अब 900 रुपये हो गया है.
• सीवान का किराया 1100 रुपये तक पहुंच गया है.
• अन्य शहरों के लिए भी बस किराया काफी बढ़ गया है.
• यात्रियों को बसों में सीट तो मिल रही है, लेकिन अधिकतर को केबिन या पिछली सीटें दी जा रही हैं, जहां सफर करना असुविधाजनक होता है.
हवाई किराया भी पहुंचा आसमान पर
होली पर घर आने के लिए हवाई यात्रा करने वालों को भी भारी खर्च उठाना पड़ रहा है. रांची आने वाली उड़ानों का किराया आम दिनों की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा हो गया है.
• मुंबई से रांची – 12 मार्च को टिकट का किराया 11,679 रुपये तक पहुंच गया है.
• चेन्नई से रांची – किराया 10,000 रुपये से अधिक हो गया है.
होली के बाद वापसी करने पर भी किराया सामान्य से अधिक बना हुआ है.
यात्रियों की शिकायत है कि त्योहारों के दौरान हवाई किराया नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते, जिससे लोग मजबूरी में महंगा टिकट खरीदने को मजबूर होते हैं.
त्योहारी सीजन में हर बार दोहराई जाती है समस्या
होली और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के दौरान ट्रेनों और बसों में भीड़ बढ़ने से टिकट की समस्या हर साल देखने को मिलती है. रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने के बावजूद यात्रियों की संख्या इतनी अधिक होती है कि सीटें जल्दी भर जाती हैं. बस संचालक अधिक किराया वसूलते हैं और हवाई कंपनियां भी किराया बढ़ा देती हैं. यात्रियों का कहना है कि सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए. खासतौर पर त्योहारों के समय ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और बसों के किराए पर सख्ती से नियंत्रण रखा जाना चाहिए.