रांची: भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या के मामले में रांची पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। जमीन विवाद में हुई इस हत्या की साजिश का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने फरार चल रहे शूटर अमन सिंह सहित चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले हत्याकांड के दिन ही एक शूटर रोहित वर्मा को पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान दबोच लिया था।
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डीआईजी सह रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर गठित एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस के अनुसार अनिल टाइगर की हत्या सुपारी देकर करवाई गई थी। इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अपराधियों को एक जमीन कारोबारी ने पैसे दिए थे।
साजिश और गिरफ्तारी
अनिल टाइगर की हत्या के पीछे एक कीमती जमीन का विवाद सामने आया है। रांची और लोहरदगा से जुड़े एक जमीन कारोबारी के साथ अनिल टाइगर का जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। कारोबारी ने जब देखा कि अनिल उसके मंसूबों के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं, तो उसने अमन सिंह और रोहित वर्मा से संपर्क कर हत्या की सुपारी दी। इसके बाद बाकायदा रेकी कर अनिल की गतिविधियों की जानकारी जुटाई गई और फिर मौके पाकर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पुलिस की टेक्निकल सेल की मदद से शूटर अमन सिंह को भी धर दबोचा गया है। पुलिस का कहना है कि अब तक दो शूटरों सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें हत्या से पहले रेकी करने वाले लोग भी शामिल हैं।
हत्या को छिपाने की रणनीति
पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि यदि हत्या के बाद कोई पकड़ा जाता है तो वह इसे लोहरदगा हत्याकांड से जोड़कर बयान देने की रणनीति बना चुके थे, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। हालांकि पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच के जरिए पूरा मामला उजागर हो गया।
भूमाफिया की गिरफ्तारी पर सस्पेंस
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हत्या की साजिश रचने वाला जमीन कारोबारी पुलिस की गिरफ्त में है या नहीं। इस विषय पर पुलिस देर शाम तक औपचारिक बयान जारी कर सकती है।