झारखंड सरकार ने पारा शिक्षकों का दो महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया है। जिस कारण सहायक अध्यापकों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं रविवार को रांची में सहायक अध्यापकों के विभिन्न संघों ने अलग-अलग बैठक की। जिसमें जुलाई और अगस्त महीने के मानेदय का नहीं मिलने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण ही प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो पाया है। जिसका खामियाजा पारा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा हैं।
घरना प्रदर्शन की चेतावनी
वहीं पारा शिक्षकों के संघों की बैठक में मानदेय समेत अन्य मांगों को लेकर अलग-अलग दिन धुर्वा स्थित राज्य परियोजना कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन और उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। साथ ही मोरहाबादी मैदान में हुई एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बैठक में तय किया गया है कि सहायक अध्यापकों के मानदेय का भुगतान एक सप्ताह के अंदर किया जाए और ऐसा नहीं होने पर 21 सितंबर को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद कार्यालय के पास घरना प्रदर्शन किया जाएगा।
सीटेट को मिले मान्यता
बता दें कि संघ के बैठक में नियमावली में संशोधन करते हुए नियुक्ति में टेट पास होने के प्रविधान को शिथिल करने, सीटेट को मान्यता देने, ईपीएफ की सुविधा देने, टेट विसंगति दूर करने, अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को प्रशिक्षण का एक और मौका देने तथा जुलाई से चार प्रतिशत इंक्रीमेंट देने की मांग की है। वहीं बैठक में संजय दूबे, दशरथ ठाकुर, हृषिकेश पाठक, प्रद्युम्न कुमार सिंह समेत अन्य लोग शामिल थे।
विधानसभा परिसर में बैठक
हालांकि पारा शिक्षकों के दो अन्य संघों सामुदायिक सहायक अध्यापक प्रशिक्षित संघ और झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षक संघ की संयुक्त बैठक बिनोद बिहारी महतो एवं विनोद तिवारी की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में की गई। जिसमें भी दो माह के मानदेय के जल्द मानदेय देने की मांग उठी। साथ ही टेट पास पारा शिक्षकों की सीधी नियुक्ति या समायोजन की मांग करते हुए यह फैसला हुआ कि जबतक 62,000 पारा शिक्षकों का समायोजन नहीं हो जाता तबतक के सहायक आचार्य के पदों पर होने वाली नियुक्ति का बहिष्कार किया जाएगा। वहीं इस बैठक में मांगों को लेकर 19 सितंबर को रांची के धुर्वा स्थित राज्य परियोजना कार्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का भी निर्णय लिया गया है।