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अमित यादव और जय प्रकाश वर्मा की भाजपा में वापसी, कोडरमा-गिरिडीह में पार्टी को मिलेगी मजबूती..

झारखंड भाजपा में एक बार फिर से बड़े नेताओं की वापसी हुई है. बरकट्ठा से विधायक अमित यादव और गांडेय के पूर्व विधायक जय प्रकाश वर्मा ने भाजपा में दोबारा अपनी जगह बना ली है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पार्टी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी की उपस्थिति में इन दोनों नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. यह वापसी झारखंड में भाजपा की स्थिति को और मजबूती देने वाली मानी जा रही है, खासकर कोडरमा और गिरिडीह क्षेत्र में.

अमित यादव: भाजपा से निर्दलीय तक का सफर

बरकट्ठा से विधायक अमित यादव का राजनीति में खासा अनुभव है. 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी और विधानसभा पहुंचे थे. इस जीत ने उन्हें राजनीति में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया. हालांकि, 2019 में उन्होंने भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और 24,442 वोटों के अंतर से शानदार जीत हासिल की. इस जीत के साथ उन्होंने यह साबित कर दिया कि उनकी पकड़ क्षेत्र में अभी भी मजबूत है, भले ही वह किसी दल से न जुड़े हों. अब जब अमित यादव फिर से भाजपा में शामिल हो गए हैं, तो इससे न केवल उनके क्षेत्र में बल्कि पूरे राज्य में भाजपा की स्थिति और सुदृढ़ होगी. पार्टी को आगामी चुनावों में इससे खासा फायदा हो सकता है.

जय प्रकाश वर्मा की ‘घर वापसी’

गांडेय से पूर्व विधायक जय प्रकाश वर्मा भी झारखंड की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी. हालांकि, 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वह चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने पार्टी में खुद को अपेक्षित महसूस किया और कुछ समय के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दामन थाम लिया था. लेकिन अब, जय प्रकाश वर्मा ने एक बार फिर से भाजपा में वापसी कर ली है. उनकी इस ‘घर वापसी’ को भाजपा के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि उनके क्षेत्र में भी उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है.

भाजपा की स्थिति में होगा सुधार

अमित यादव और जय प्रकाश वर्मा, दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में दिग्गज नेता माने जाते हैं. इनकी राजनीतिक पकड़ और अनुभव भाजपा के लिए अमूल्य साबित हो सकते हैं. कोडरमा और गिरिडीह जैसे क्षेत्रों में इन नेताओं का खासा प्रभाव है. अमित यादव के भाजपा में दोबारा शामिल होने से बरकट्ठा क्षेत्र में भाजपा को बड़ी मजबूती मिलेगी. वहीं, जय प्रकाश वर्मा की घर वापसी गांडेय क्षेत्र में पार्टी के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है, जहां हाल के चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.

भाजपा नेतृत्व की रणनीति

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी की रणनीति यह बताती है कि पार्टी झारखंड में अपनी स्थिति को पुनः मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. बड़े नेताओं की वापसी से यह साफ है कि भाजपा अपने पुराने दिग्गजों को फिर से पार्टी में शामिल कर रही है ताकि आगामी चुनावों में पार्टी की संभावनाएं बेहतर हो सकें.

भविष्य की संभावनाएं

अमित यादव और जय प्रकाश वर्मा की वापसी से भाजपा के भीतर उत्साह है, और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ा है. आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन नेताओं की वापसी से पार्टी को कितना फायदा होता है. भाजपा की कोशिश है कि झारखंड में वह एक बार फिर से सत्ता में आए और इसके लिए बड़े नेताओं को पार्टी में वापस लाना एक सफल रणनीति मानी जा रही है.

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