झारखंड प्रदेश पासवा के पचास सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से शनिवार को मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक स्कूल खोलने की मांग को लेकर पासवा की ओर से उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। साथ ही 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा आरटीआई कानून में किए गये संशोधन को निरस्त करने की भी मांग की। शिक्षा मंत्री ने पासवा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर देर तक उनसे बातचीत की।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि बहुत हो गया कोरोना, अब स्कूल खोले जाएंगे। कक्षा नर्सरी से स्कूल खोलने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि झारखंड के लाखों बच्चे हमारे हैं। अब कोई किन्तु, परन्तु और तकनीकी कारणों की कोई जरूरत नहीं है। शिक्षा विभाग आपदा प्रबंधन विभाग को स्कूल खोलने का प्रस्ताव बनाकर भेजेगा। वहीं आरटीई कानून के संशोधन को निरस्त करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सभी संगठनों को बुलाकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकर निर्णय लेंगे।
आलोक दुबे ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि पिछले 22 महीनों से स्कूलों में लॉकडाउन है। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। दूसरी तक 47 हजार से ऊपर निजी विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। कई स्कूल बंद हो चुके हैं। इसलिए बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एवं कोरोना संक्रमण के कम होते प्रभाव को देखते हुए अब स्कूल खोल देना चाहिए। आलोक दुबे ने 30 जनवरी को प्रेस क्लब में आहूत विचार गोष्ठी में शिक्षा मंत्री को भी आमंत्रित किया। शिक्षा मंत्री ने उन्हें विचार गोष्ठी के प्रस्तावों से अवगत कराने को कहा।
इस मौके पर प्रदेश पासवा के उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने पारा शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के लिए शिक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधिमंडल में महासचिव डॉ.राजेश गुप्ता, अरविन्द कुमार, चतरा जिला के नीरज सहाय, कोडरमा अध्यक्ष बीएनपी.वर्णवाल, महासचिव तौफीक अंसारी, पूर्वी सिंहभूम से दीबेश राजा, धनबाद जिला अध्यक्ष मो.जिन्ना, लोहरदगा अध्यक्ष मजीद अंसारी, रांची महानगर अध्यक्ष डॉ.सुषमा केरकेट्टा, विनीता पाठक नायक, मांडर से आलोक बिपीन टोप्पो, रशीद अंसारी, बेड़ो से कैलाश महतो, संजय कुमार, रूपेश कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे।