झारखंड को विधानसभा चुनाव-2024 से पहले नई मुख्य सचिव के रूप में अलका तिवारी बनीं हैं, जो 1988 बैच की सीनियर आईएएस अधिकारी हैं. राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एल खियांग्ते के सेवानिवृत्त होने के बाद अलका तिवारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. एल खियांग्ते का कार्यकाल समाप्त हो गया है, और राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा था. हालांकि, इस संबंध में कोई आदेश न आने पर अलका तिवारी को इस पद पर नियुक्त किया गया. राज्य सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है.
एल खियांग्ते की विदाई और अलका तिवारी की नियुक्ति
एल खियांग्ते, जो झारखंड के मुख्य सचिव पद पर थे, 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गए. चुनाव आयोग से कोई निर्देश न मिलने के कारण उनके कार्यकाल को बढ़ाया नहीं जा सका. इसलिए राज्य सरकार ने अलका तिवारी को मुख्य सचिव के रूप में जिम्मेदारी सौंप दी. इसके पहले, अलका तिवारी राज्य के राजस्व पर्षद में सदस्य के पद पर कार्यरत थीं. अब वह राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव बन गई हैं, जो आने वाले चुनावों के महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी निभाएंगी. उनकी नियुक्ति से राज्य सरकार को चुनावी कार्यों में एक अनुभवी अधिकारी का सहयोग मिलेगा.
अलका तिवारी की शैक्षणिक और प्रशासनिक योग्यता
अलका तिवारी का नाम तेज-तर्रार और काबिल आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है. उनकी शिक्षा और प्रशासनिक अनुभव दोनों ही बेहतरीन हैं. उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन किया है, जिसके दौरान उन्हें टॉपर रहने पर गवर्नर्स गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में एमएससी की पढ़ाई की. इसके अलावा, उन्होंने रांची यूनिवर्सिटी से लॉ में भी ग्रेजुएशन किया है। उनकी इस योग्यता ने उन्हें प्रशासनिक कार्यों में मजबूत आधार प्रदान किया है.
राज्य में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अनुभव
अलका तिवारी के पास झारखंड कैडर में काम करने का लंबा अनुभव है. वह राज्य के कई प्रमुख जिलों में डीसी (उपायुक्त) के रूप में कार्य कर चुकी हैं, जिनमें गुमला और लोहरदगा शामिल हैं. इन जिलों में सेवा देने के दौरान उनके अनुभव ने उन्हें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनता की जरूरतों को समझने का अवसर दिया. उनके इस अनुभव से मुख्य सचिव पद पर रहते हुए राज्य में प्रशासनिक कार्यों को संभालने में उन्हें लाभ मिलेगा. इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिससे उन्हें राज्य की कार्यप्रणाली का व्यापक ज्ञान प्राप्त हुआ है.
पारिवारिक पृष्ठभूमि और सहयोग
अलका तिवारी का परिवार भी प्रशासनिक क्षेत्र में अनुभवी है. उनके पति, डॉ. डीके तिवारी, 1986 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं. उन्होंने भी झारखंड में मुख्य सचिव का पद संभाला है और राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर भी कार्य किया है. इस पृष्ठभूमि ने अलका तिवारी को प्रशासनिक कार्यों में और भी मजबूत बना दिया है. उनके पति का यह अनुभव उनके नए पद के दौरान एक सहयोग के रूप में काम करेगा, जिससे वह अपनी नई जिम्मेदारियों को और बेहतर ढंग से निभा सकेंगी.
झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका
अलका तिवारी का मुख्य सचिव पद पर नियुक्त होना झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर बहुत महत्वपूर्ण है. चुनावों के दौरान प्रशासनिक और सुरक्षा संबंधी जिम्मेदारियों को संभालने में उनकी नियुक्ति एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है. मुख्य सचिव के रूप में उनकी भूमिका में चुनावी प्रक्रियाओं की निगरानी, कानून व्यवस्था की स्थिति, मतदान केंद्रों की सुरक्षा, मतदाताओं की सुविधा और सरकारी प्रशासन की सुदृढ़ता शामिल होगी. राज्य की प्रशासनिक मशीनरी के इस महत्वपूर्ण समय पर उनकी नियुक्ति से यह सुनिश्चित होगा कि चुनावी प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और सुचारू रूप से संपन्न हो सके.
राज्य सरकार के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन
मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए अलका तिवारी को राज्य की अन्य जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना होगा. उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना होगा और विकास कार्यों को समय पर पूरा करना होगा. इसके अलावा, राज्य के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना और विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का दायित्व भी उन पर होगा.