रांची – झारखंड में इस साल मानसून ने औसत से काफी ज्यादा मेहरबानी दिखाई है। एक जून 2025 से अब तक राज्य में 863 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि इस अवधि में औसत वर्षा 616.9 मिमी होती है। यानी इस साल अब तक राज्य में 40 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। रांची में औसत से 66% ज्यादा और पूर्वी सिंहभूम में 91% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का असर
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बंगाल की खाड़ी के मध्य से उत्तरी हिस्से में निम्न दबाव क्षेत्र बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसका सीधा असर झारखंड के मध्य और पूर्वी जिलों पर देखा जा रहा है।
सोमवार को रांची में दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार दो घंटे तेज बारिश हुई, जिससे कई सड़कों पर जलजमाव हो गया। पाकुड़ और जमशेदपुर में भी यही हाल रहा।
मौसम विभाग का कहना है कि 12 और 13 अगस्त को निम्न दबाव का क्षेत्र और सक्रिय होगा, जिसके कारण अगले तीन दिनों तक राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होगी।
15 अगस्त तक बादल और बारिश का दौर
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 15 अगस्त को भी दोपहर बाद आसमान में बादल छाए रहेंगे और कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। रांची में प्रतिदिन बादल छाए रहने के साथ दोपहर के बाद बारिश की संभावना बनी रहेगी।
दोपहर बाद झमाझम और वज्रपात का खतरा
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बारिश विशेष रूप से दोपहर 1 बजे के बाद शुरू हो सकती है और 3 से 4 घंटे तक लगातार जारी रह सकती है।
इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और पूरे राज्य में तीव्र वज्रपात की संभावना है।
जिला वार बारिश और तापमान का हाल
पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस सरायकेला में दर्ज हुआ, जबकि सबसे कम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस लातेहार में रहा।
पाकुड़ के महेशपुर में 145.6 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे ज्यादा है। रांची में 44 मिमी, बोकारो में 4 मिमी और जमशेदपुर में 1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
औसत से अधिक वर्षा का रिकॉर्ड
- रांची: 1057.2 मिमी (66% अधिक)
- पूर्वी सिंहभूम: 1275.2 मिमी (91% अधिक)
- झारखंड औसत: 863 मिमी (40% अधिक)
13 अगस्त से मौसम में बड़ा बदलाव
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि फिलहाल हो रही बारिश वज्रपात वाले बादलों के कारण है। 13 अगस्त से निम्न दबाव का क्षेत्र और सक्रिय होगा, जिससे बादल निचले स्तर पर आ जाएंगे। इसके बाद पूरे राज्य में तेज हवाएं, वज्रपात और भारी बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बदलाव के बाद अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि बिजली कड़कने के दौरान खुले स्थानों पर न जाएं, पेड़ों के नीचे न खड़े हों और मौसम अलर्ट पर नजर रखें।