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मंत्री तिर्की ने कहा, “सहकारी समितियों के सदस्य एक-दूसरे की मदद करते हुए अगर सामंजस्य के साथ कार्य करें, तो उनका तेजी से विकास संभव है।” उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य में कुल 11,755 सहकारी समितियां पंजीकृत हैं, जिनमें से कुछ सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं जबकि कुछ निष्क्रिय हो गई हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि निष्क्रिय समितियों को सुधार का अवसर दिया जाएगा, लेकिन सुधार न होने पर उनका निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।
महिलाओं की सहभागिता पर बल देते हुए मंत्री ने कहा कि उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि आर्थिक सहायता का उपयोग स्वरोजगार में कैसे किया जाए। पाराभेट प्रशिक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे पशु चिकित्सा, टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान जैसे कार्यों में गति आएगी।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि भविष्य में पशुधन सहायक की नियुक्ति में पाराभेट प्रशिक्षुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही मोबाइल वेटनरी वैन में भी प्रशिक्षित पाराभेट को शामिल किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यदि शिक्षा और प्रशिक्षण को व्यवहार में नहीं लाया गया तो उसका कोई महत्व नहीं रहेगा।
कार्यक्रम में उप निबंधक जॉर्ज अफ्रेम कुजूर, उप निदेशक मनोज तिवारी, सहायक निबंधक अशोक तिवारी, सैमसन टोप्पो सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
यह समारोह राज्य में सहकारी आंदोलन और पशुपालन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।