झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के बीच गठबंधन की तैयारी पूरी हो गई है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात कर इस संबंध में विस्तार से चर्चा की. दोनों नेताओं ने भाजपा और आजसू पार्टी के बीच सीट शेयरिंग और चुनावी रणनीति पर बातचीत की, जिसमें यह तय हुआ कि दोनों दल आगामी विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ेंगे.
गठबंधन की पुनः वापसी
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू पार्टी के बीच गठबंधन टूट गया था, जिसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा राज्य की सत्ता से बाहर हो गई. लेकिन इस बार भाजपा राज्य में सत्ता में वापसी के लिए पूरी तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में भाजपा ने आजसू पार्टी के साथ फिर से हाथ मिलाया है. सुदेश महतो ने इस बैठक के बाद घोषणा की कि दोनों दल मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, जिससे भाजपा की सत्ता में वापसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
चंपाई सोरेन को साथ लाने की कोशिश
इस बार भाजपा की योजना सिर्फ आजसू पार्टी के साथ गठबंधन तक सीमित नहीं है. पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भी अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है. चंपाई सोरेन फिलहाल दिल्ली दौरे पर हैं और भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. माना जा रहा है कि यदि चंपाई सोरेन भाजपा के साथ आते हैं, तो गठबंधन को और भी मजबूती मिलेगी. सुदेश महतो ने भी इस बात की पुष्टि की कि चंपाई सोरेन के एनडीए में शामिल होने से गठबंधन को बड़ा फायदा होगा.
बिहार की सहयोगी पार्टियों का दबाव
इस बीच, बिहार की तीन प्रमुख पार्टियां—जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी झारखंड में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा जता रही हैं. नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान चाहते हैं कि उनकी पार्टियां भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल होकर झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ें. अमित शाह और सुदेश महतो की इस मुलाकात में इन दलों के साथ-साथ चंपाई सोरेन के बारे में भी चर्चा की गई. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व इन दलों के नेताओं के साथ भी औपचारिक बातचीत कर सकता है.
आने वाले चुनावों में गठबंधन की ताकत
इस बैठक से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भाजपा और आजसू पार्टी का यह गठबंधन राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है. इसके अलावा, यदि चंपाई सोरेन और बिहार की अन्य सहयोगी पार्टियां भी इस गठबंधन में शामिल हो जाती हैं, तो भाजपा को झारखंड की सत्ता में वापसी के लिए एक मजबूत आधार मिल सकता है. अब देखना होगा कि यह गठबंधन राज्य की राजनीतिक स्थिति को कैसे प्रभावित करता है और चुनाव में किस तरह का परिणाम सामने आता है.