रांची: लंबे समय से चले आ रहे सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप को लेकर विवाद आखिरकार गुरुवार को सुलझ गया। राजेंद्र चौक से लेकर सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप को हटाने की मांग आदिवासी समाज द्वारा लंबे समय से की जा रही थी, जिसे प्रशासन ने अब मान लिया है। इस विवाद के निपटारे के बाद रैंप को 6 मीटर पीछे हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
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फ्लाईओवर के किनारे लगाए गए 10 डेक प्लेन को उखाड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों की आपत्तियों का समाधान हो सके।
डीसी ने किया था निरीक्षण
इस घटना से एक दिन पहले, बुधवार को रांची के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री ने सिरमटोली सरना स्थल का निरीक्षण किया था और फ्लाईओवर के रैंप का माप लिया था। निरीक्षण के दौरान आदिवासी समाज के लोगों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए बताया कि फ्लाईओवर का रैंप उनके सरना स्थल को प्रभावित कर रहा था, जिसके चलते वे लंबे समय से विरोध जता रहे थे।
सरना समाज ने जताई थी आपत्ति
सरना समाज के प्रतिनिधियों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई थी कि इस रैंप को पीछे हटाया जाए, ताकि उनके धार्मिक स्थल पर किसी प्रकार का प्रभाव न पड़े। कई बार इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी हुए और हाल ही में रांची बंद भी बुलाया गया था। प्रशासन ने इन सभी आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए समाधान निकालने का निर्णय लिया।
प्रशासन का बयान
प्रशासन के अनुसार, रैंप को पीछे हटाने का निर्णय जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे न केवल धार्मिक स्थल को संरक्षित किया जा सकेगा बल्कि स्थानीय लोगों की समस्याओं का भी समाधान होगा।
फ्लाईओवर का पुनःनिर्माण कार्य तेजी से जारी है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में यह कार्य पूरी तरह से संपन्न हो जाएगा।
स्थानीय लोगों ने किया फैसले का स्वागत
सरना समाज और अन्य स्थानीय नागरिकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और प्रशासन के इस कदम की सराहना की है। उनका मानना है कि इससे धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहेगी और भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए प्रशासन को निर्माण कार्यों की योजना बनाते समय सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।