लातेहार में मेधा डेयरी के दूध में मिलावट का खुलासा, तीन गिरफ्तार….

मेधा डेयरी के दूध में मिलावट का खुलासा लातेहार पुलिस ने किया है. यह मिलावट पलामू जिले के चियांकी गांव स्थित दूध संग्रह केंद्र से रांची स्थित मेधा डेयरी के प्लांट की सप्लाई के दौरान की जा रही थी. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में पंजाब के अमृतसर निवासी दूध टैंकर चालक हरमनप्रीत सिंह, लातेहार के भुसुर गांव निवासी मिथिलेश यादव और चंदवा निवासी विशाल कुमार सिंह शामिल हैं. पुलिस ने इनसे पूछताछ के बाद तीनों को जेल भेज दिया है. लातेहार एसडीपीओ अरविंद कुमार ने बताया कि लातेहार एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि चंदवा थाना क्षेत्र में कुछ लोग मेधा डेयरी के दूध में मिलावट कर रहे हैं. डेयरी कंपनी के लिए डालटनगंज के चियांकी गांव से टैंकर में लगभग 23,000 लीटर दूध रांची भेजा जाता है. लेकिन, चंदवा पहुंचने के बाद टैंकर को एक स्थान पर रोककर उसमें से दूध निकाल लिया जाता था. मोटर की मदद से प्रतिदिन 2,000 से 3,000 लीटर दूध निकालकर उसकी जगह टैंकर में केमिकल मिश्रित पानी मिलाया जा रहा था. इस मामले की गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की योजना बनाई. रविवार को भी, जब आरोपित टैंकर से दूध निकाल रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने छापेमारी कर दी और तीनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि ये आरोपित पिछले एक महीने से दूध की चोरी और टैंकर में मिलावट का धंधा कर रहे थे. इस मिलावट कांड का मुख्य उद्देश्य टैंकर से दूध निकालकर उसे बाजार में बेचकर मुनाफा कमाना और टैंकर में पानी मिलाकर डेयरी को सप्लाई करना था. इससे न केवल डेयरी को आर्थिक नुकसान हो रहा था, बल्कि उपभोक्ताओं को भी खराब गुणवत्ता का दूध मिल रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.

पुलिस को संदेह:

पुलिस को संदेह है कि इस धंधे में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने दूध के सैंपल को जांच के लिए भेज दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि दूध में कौन-कौन से केमिकल मिलाए गए थे. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि मिलावट किस प्रकार की थी और इसके क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक, हरमनप्रीत सिंह, पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है और डेयरी टैंकर का चालक है. मिथिलेश यादव और विशाल कुमार सिंह, जो लातेहार और चंदवा के निवासी हैं, स्थानीय स्तर पर मिलावट के इस धंधे को अंजाम दे रहे थे. पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं, जिनके आधार पर पुलिस आगे की जांच कर रही है. पुलिस को यह भी शक है कि इस मिलावट के धंधे में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने कबूल किया है कि वे पिछले एक माह से दूध टैंकर में मिलावट कर रहे थे. आरोपियों ने बताया कि चंदवा पहुंचने के बाद टैंकर को एक सुनसान जगह पर रोक दिया जाता था, और वहां से मोटर की मदद से टैंकर से दूध निकाल लिया जाता था. इसके बाद टैंकर में पानी मिलाकर दूध की मात्रा को पूरा कर दिया जाता था. इस प्रक्रिया के दौरान केमिकल का उपयोग भी किया जाता था ताकि पानी मिलाने से दूध की गुणवत्ता में गिरावट न आए और यह दिखाई न दे सके. दूध की मिलावट की इस घटना के बाद से मेधा डेयरी और स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गए हैं. डेयरी प्रबंधन ने भी अपनी ओर से आंतरिक जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. इस मामले ने डेयरी उद्योग के लिए एक चेतावनी का काम किया है कि सुरक्षा और गुणवत्ता के मानकों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है. स्थानीय प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे मिलावट की किसी भी सूचना को नजरअंदाज न करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें. पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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