जमशेदपुर : कोरोना संक्रमण के कारण दफ्तर, कारखाने, कंपनी, फैक्ट्री आदि बंद रहा। जिससे कंपनियों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। लेकिन कोरोना के रफ्तार में कमी आते ही आमजन की जीवन के रफ्तार में तेजी आ गई है। जिंदगी धीरे धीरे ही सही पटरी पर लौटने लगी है। कंपनी में भी कर्मी वापस अपने काम पर लौट आए हैं। आदित्यपुर औधौगिक क्षेत्र में भी रौनक लौटने लगी है। टाटा मोटर्स के जुलाई में 8500 गाड़ियों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। आदित्यपुर की लगभग 1400 यूनिट को टाटा मोटर्स ने जुलाई में भरपूर ऑर्डर दिए हैं। यहां तक कि 800 यूनिट में शत-प्रतिशत टाटा मोटर्स के लिए ऑटोमोबाइल की ही एक्सेसरी तैयार होती है।
उद्यमियों का मानना है कि इस माह आदित्यपुर औधौगिक क्षेत्र को लगभग 1000 करोड़ रूपये का कारोबार जरूर मिलेगा। टाटा मोटर्स यदि संभावित लक्ष्य से यदि एक 1000 गाडियां कम भी तैयार करती है तो भी सभी यूनिट तीनों वक्त कर्मचारियों से पारी ड्यूटी लेने को तैयार हैं। टाटा मोटर्स अपने वाहन निर्माण में इस्तेमाल होनेवाले 45 प्रतिशत से अधिक का माल आदित्यपुर औधौगिक क्षेत्र को बाहर की कंपनियां से मंगाया जाता है।
सूरज ऑटोमोबाइल के निदेशक हरपिंदर सिंह रौकी ने कहा कि बाजार में टाटा मोटर्स के व्यावसायिक और यात्री वाहनों की मांग में तेजी दिख रही है। उम्मीद की जा रही है कि दूसरी तिमाही भी सभी कंपनियों के लिए बेहतर साबित होगी।
सिंहभूम वाणिज्य मंडल के उपाध्यक्ष नितेश धुत ने कहा कि खनन और बुनियादी ढांचा में तेजी आने से अर्थव्यवस्था अपने आप अपनी गति पकड़ लेती है। रोजगार मिलता है। राज्य सरकार को चाहिए कि नए कर न लगाए।