रांची में आंगनबाड़ी सेविकाओं पर कार्रवाई, सत्यापन के लिए वसूले जा रहे थे पैसे…..

रांची में मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के सत्यापन प्रक्रिया के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. धुर्वा इलाके में कुछ आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा सत्यापन के बदले महिलाओं से पैसे मांगे जा रहे थे. जैसे ही इस मामले की शिकायत उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को मिली, उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आंगनबाड़ी सेविकाओं से स्पष्टीकरण मांगा है. यह मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है और लाभुकों से अपील की है कि वे इस तरह के भ्रष्टाचार की शिकायत तुरंत करें.

धुर्वा में लाभुक महिलाओं से पैसे की मांग

मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुक महिलाओं को सरकारी सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना के अंतर्गत लाभुकों का भौतिक सत्यापन नि:शुल्क किया जाता है, जिसे आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से पूरा किया जाता है. लेकिन धुर्वा इलाके में रहने वाली कुछ लाभुक महिलाओं ने शिकायत की कि उनसे सत्यापन के बदले पैसे मांगे जा रहे थे. जैसे ही यह मामला सामने आया, प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए दोषी सेविकाओं से जवाब मांगा है. शिकायत में बताया गया कि कुछ आंगनबाड़ी सेविकाएं लाभुक महिलाओं से पैसे वसूलने का प्रयास कर रही थीं. जब यह बात उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के संज्ञान में आई, तो उन्होंने इस मामले में तीन सेविकाओं पर त्वरित कार्रवाई की और उनसे जवाब तलब किया.

कौन हैं वे आंगनबाड़ी सेविकाएं जिन पर हुई कार्रवाई?

शिकायत के आधार पर जिन तीन आंगनबाड़ी सेविकाओं पर कार्रवाई की गई, उनके नाम इस प्रकार हैं:

1. अर्चना सिंह – धुर्वा बंधन कोच्चा की रहने वाली

2. गीता कुमारी – गायत्री नगर, धुर्वा की निवासी

3. उषा कुमारी – कदम खटाल क्षेत्र की सेविका

इन तीनों सेविकाओं पर आरोप है कि इन्होंने मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों से सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के बदले पैसों की मांग की थी. यह पूरा मामला तब सामने आया जब जन शिकायत कोषांग के व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से लाभुक महिलाओं ने अपनी शिकायत दर्ज करवाई. जैसे ही शिकायत दर्ज हुई, रांची उपायुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल जांच के आदेश दिए. जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित सेविकाएं नियमों का उल्लंघन कर लाभुकों से अवैध रूप से पैसे मांग रही थीं. इस पर उपायुक्त ने उनसे जवाब देने को कहा है और दोषी पाए जाने पर आगे कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

भौतिक सत्यापन नि:शुल्क, पैसे मांगे जाने पर करें शिकायत

मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों का भौतिक सत्यापन पूरी तरह से नि:शुल्क है. इसके लिए किसी भी लाभुक से पैसे की मांग करना गैरकानूनी है. यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जा रही है, जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाएं लाभुकों के घर जाकर उनका सत्यापन करती हैं. यदि कोई आंगनबाड़ी सेविका सत्यापन के लिए आपसे पैसे मांगती है, तो आप तुरंत इसकी शिकायत कर सकते हैं. शिकायत दर्ज कराने के लिए सरकार ने दो प्रमुख हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:

1. जन शिकायत कोषांग का व्हाट्सएप नंबर – 9430328080

2. मंईयां सम्मान योजना हेल्पलाइन नंबर – 1800-890-0215

लाभुक महिलाएं या उनके परिवार के सदस्य इन नंबरों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर किसी भी सेविका द्वारा पैसे वसूले जाने की शिकायत मिलती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई की चेतावनी

रांची प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ आवाज उठाएं और ऐसी घटनाओं की तुरंत शिकायत करें.

मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य

गौरतलब है कि मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है. इस योजना के तहत सरकार लाभुक महिलाओं को सहायता राशि उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें. लेकिन कुछ भ्रष्ट कर्मियों द्वारा इस योजना का दुरुपयोग करने की कोशिश की जा रही थी, जिसे प्रशासन ने समय रहते रोक दिया.

लाभुकों के लिए जागरूकता जरूरी

यह घटना यह भी दर्शाती है कि योजनाओं से जुड़ी जानकारी और जागरूकता लाभुकों के लिए बेहद जरूरी है. अगर लाभुकों को यह पता हो कि भौतिक सत्यापन पूरी तरह से नि:शुल्क है, तो वे इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार नहीं बनेंगे. इसके लिए सरकार को भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना होगा, ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और किसी भी तरह की अवैध मांग के खिलाफ आवाज उठा सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×