झारखंड के गुमला की आरोही खण्डेलवाल बना चुकी है कई ऐसे रिकॉर्ड, 1.7 मिनट में रुद्राष्टकम् का पाठ किया संपन्न

आरोही ने बेहद कम समय में रामायण के 7 कांडों का वर्णन, हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र आदि का पाठ कर बनाती रही हैं रिकॉर्ड, 9 साल की इतनी छोटी सी उम्र में रुद्राष्टकम् का पाठ कर आरोही ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में बनाई अपनी जगह
दरअसल, आरोही का यह रिकॉर्ड नया नहीं है, आरोही ने इससे पहले भी ऐसे कई कीर्तिमान बनाए हैं और रिकॉर्ड कायम किया है. आरोही ने हूला हूप स्पिन इन 1 मिनिट चैलेंज में 1 मिनट में घुटने से 228 मूव किए थे और कमर से 1 मिनट में 211 मूव दिखाए थे. इसके लिए उन्हें हावर्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थानांतरित किया गया. इससे पहले 1 मिनट 58 सेकेंड में हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आरोही को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स और एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में स्थान दिया जा चुका है.

आरोही को मिल चुके हैं कई अहम पुरस्कार
महज 9 साल की आयु में भाषणों और अधिकतम संख्या में कहानियों के लिए आरोही का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अंकित है. वहीं संपूर्ण रामायण की हिंदी में पूर्ण विश्लेषण करने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड तो साथ ही रामायण के 7 कांड का सबसे शीघ्र पाठ करने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया जा चुका है. इसके अलावा एक मिनट में 27 बार गायत्री मंत्र बोलने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, 56 सेकंड में 50 सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का सबसे सटीक और शीघ्र उत्तर देने के लिए इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, भारत का सबसे युवा चैंपियन में 24 घंटों में पांच रिकॉर्ड कायम रखने के लिए इनफ्लूएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, और भारत का सबसे प्रतिभाशाली बाल पुरस्कार, दशावतार पुस्तक के लिए ग्लोबल मैनेजमेंट काउंसिल द्वारा एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं. आरोही को 2022 में उनकी उपलब्धियों के लिए नेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड ने भारत विभूषण पुरस्कार से भी नवाजा था. बेस्ट ऑथर ऑफ़ द ईयर 2023 से भी आरोही को सम्मान प्राप्त है.

एक इंटरव्यू में आरोही बताती हैं
सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के बिनाह पर ऐसा कहा जा सकता है कि आरोही खण्डेलवाल अपने दिए गए एक इंटरव्यू बताती हैं कि भगवान राम ने लंका विजय के लिए जाते वक्त रामेश्वरम के तट पर शिव रुद्राष्टकम का उच्चारण कर भगवान शिव जी को अंत्यंत प्रसन्न किया था. उसी स्तुति को मैंने 1 मिनट और 7 सेकेंड में पूरी उच्चारित की. आरोही ने बताया कि इसे सीखने में और अभ्यास कर अन्त लक्ष्य तक पहुंचने में मुझे लगभग 10 दिन का समय लगा. मैं रोजाना इसके लिए 10 से 15 मिनट का अभ्यास करती थी. यह खिताब प्राप्त कर मुझे बेहद खुशी हो रही है. मां-पापा और पूरा परिवार भी बहुत खुश है. वहीं आरोही कहती हैं कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर के आईएएस अफसर बनना चाहती है.

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