महिला पुलिसकर्मियों का आह्वान: आत्मरक्षा और आत्मविश्वास से बनें सबल, शिक्षा से मिलेगी शक्ति….

महिला पुलिसकर्मियों ने दैनिक भास्कर कार्यालय में एक संवाद कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मरक्षा के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि समाज में महिलाओं को सबल बनकर ही अपनी और दूसरों की रक्षा करनी होगी, ठीक उसी तरह जैसे मां दुर्गा ने राक्षसों का संहार किया था. इस कार्यक्रम में उपस्थित महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि महिलाओं को हर चुनौती का सामना आत्मविश्वास और साहस के साथ करना चाहिए.

आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें

सुमित्रा ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. पुलिस, डॉक्टर, इंजीनियर या पत्रकार—सभी क्षेत्रों में महिलाएं अपने आत्मविश्वास और मेहनत से सफल हो रही हैं. जीवन में बाधाएं आएंगी, लेकिन हमें बिना घबराए आगे बढ़ना होगा. उन्होंने यह भी बताया कि मेहनत और आत्मविश्वास से हर बाधा को पार किया जा सकता है.

बदलते समय के साथ खुद को बदलें

यमुना ने बताया कि महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज में कमजोर दिखने पर शैतान हावी हो जाते हैं, इसलिए महिलाओं को खुद को सबल बनाकर जीना होगा. अन्याय सहन करने की बजाय उसका विरोध करना बेहद जरूरी है.

समाज में एकजुट होकर संघर्ष करें

विमला मुंडा ने महिलाओं को सुझाव दिया कि अगर वे खुद या दूसरों के साथ हो रहे अन्याय या अपराध को देखती हैं, तो उन्हें मिलकर उसका विरोध करना चाहिए. महिलाओं को एक-दूसरे की आवाज बननी होगी। पड़ोस में किसी महिला के साथ अपराध हो रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि आप भी इसकी शिकार हो सकती हैं.

सबल होने से मिलेगा सम्मान

महिला थाना प्रभारी मंजूश्री कुंक ने कहा कि महिलाएं अबला नहीं, सबला बनें. घर, परिवार, या कार्यस्थल, कहीं भी अन्याय हो, तो उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. अन्याय के खिलाफ खड़े होने से ही समाज में महिलाओं को सम्मान मिलेगा.

मुश्किलों का सामना करें, डरें नहीं

सोनिया ने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह से डरने की बजाय मुसीबतों का सामना करें. उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं अपराध का शिकार बनने से पहले आवाज उठाएं, तो वे खुद के साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी बचा सकती हैं.

शिक्षा से आत्मविश्वास बढ़ता है

सुकमती पूर्ति ने बताया कि लड़कियों के प्रति मानसिकता में बदलाव जरूरी है. शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे महिलाओं को आत्मविश्वास और शक्ति मिलती है. जैसे-जैसे लड़कियां पढ़ रही हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा से महिलाओं को समाज में सम्मान और स्थान मिलता है.

लड़कियों को समान अवसर मिले

नूतन मिंज ने कहा कि लड़कियों को लड़कों के बराबर का दर्जा दिया जाना चाहिए. घर से ही अगर लड़के और लड़कियों के बीच समानता की शिक्षा दी जाएगी, तो समाज में बड़ा बदलाव आ सकता है. महिलाओं को शिक्षा और रोजगार में समान अवसर मिलने चाहिए. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी और खुद को समाज में स्थापित कर पाएंगी.

लड़कियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए काउंसलिंग जरूरी

तुलसी हेम्ब्रम ने बताया कि ज्यादातर अपराधों में लड़के शामिल होते हैं, इसलिए स्कूल स्तर से ही उनकी काउंसलिंग जरूरी है. उन्होंने कहा कि लड़कों को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाना बेहद जरूरी है, ताकि वे अपराधों से दूर रहें.

समाज में बदलाव जरूरी

सरिता मार्डी ने कहा कि महिलाएं जब घर से बाहर निकलकर काम करती हैं, तो समाज से ताने मिलने लगते हैं, लेकिन महिलाओं को इन तानों से घबराना नहीं चाहिए. शिक्षा और आत्मरक्षा की ट्रेनिंग के साथ महिलाओं को खुद को मजबूत बनाना होगा.

समानता की सीख घर से मिले

अकचकी ने कहा कि महिलाओं को समान अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे समाज में आगे बढ़ सकें. लड़कों को घर से ही लड़कियों के प्रति सम्मान और समानता की शिक्षा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में समाज में अपराध कम हो.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×