बोकारो : बस की चपेट में आने से बाइक सवार एक शिक्षक की शनिवार को मौत हो गई। हादसा चास बाईपास रोड पर हुआ। घटना के बाद ड्राइवर बस को लेकर भाग निकला। हालांकि पुलिस ने उसे कुछ दूरी पर पकड़ लिया। शिक्षक चास स्थित जीजीपीएस स्कूल जा रहे थे और इसी बीच यह हादसा हुआ। वहीं, घटना से आक्रोशित लोगों ने मुआवजे और नौकरी की मांग पर दो घंटे तक सड़क जाम रखा। मृतक की पहचान सेक्टर-1 निवासी दीपक कुमार के रूप में की गई। वो अपने घर से चास जा रहे थे। दीपक अभी कुछ दिनों पूर्व ही अपने पिता का श्राद्ध कर गांव से वापस लौटे थे। वहीं, सड़क जाम की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे चास एसडीपीओ पुरुषोत्तम सिंह, चास इंस्पेक्टर रामप्रवेश ने लोगों को काफी समझाया। नियमानुसार सरकारी लाभ व अन्य मुआवजा आदि पर परिजनों से सहमति बनने के बाद शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए भिजवाया।
यूपीएससी सविल सेवा परीक्षा की फ्री तैयारी कराएगी टाटा..
टाटा स्टील फाउंडेशन और ट्राइबल कल्चरल सोसाइटी ने झारखंड में जमशेदपुर व आसपास के स्नातक उत्तीर्ण एसटी-एससी छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने का अवसर उपलब्ध कराया है। इसमें छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा आदिवासी छात्र सिविल सर्विस में जा सकें। यह कोचिंग पूरी तरह से फ्री होगी। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। शहर के छात्र कोचिंग में शामिल होने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए ट्राइबल कल्चरल सोसायटी से आवेदन पत्र लेना होगा और उसे सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच जमा करना होगा। कोचिंग में भाग लेने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं, जिसे पूरा करना होगा। इसके तहत कोचिंग में वही छात्र शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है या स्नातक फाइनल इयर की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा वही छात्र कोचिंग कर सकते हैं, जिनके परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम है। इसके लिए आवेदन 30 सितंबर तक लिए जाएंगे।
छात्र बिष्टुपुर स्थित ट्राइबल कल्चरल सेंटर से इसके लिए आवेदन दे सकते हैं। छात्रों को कोचिंग में शामिल होने के लिए प्रवेश परीक्षा से भी गुजरना पड़ेगा। इसकी तिथि बाद में छात्रों को तय कर बता दी जाएगी। कोचिंग में सरकारी नौकरी और टाटा स्टील की नौकरी करने वाले अभिभावकों के बच्चे शामिल नहीं हो सकेंगे। जिन छात्रों का नामांकन इस निशुल्क कोचिंग के लिए होगा, उनसे एक निर्धारित राशि सिक्योरिटी मनी के रूप में लिए जाएंगे, ताकि छात्र बीच में ही कोचिंग छोड़कर ना जाएं। यह कोचिंग आठ महीने के लिए दी जाएगी।