“तुम्हारे अंदर संस्कार नाम की चीज नहीं है क्या..” डायलॉग को एक अलग ही पहचान दिलाने वाले लोकप्रिय धारावाहिक ‘भाभी जी घर पर हैं’ के मास्टरजी का किरदार निभाने वाले विजय कुमार सिंह से मिलिए।
विजय को बचपन से ही अभिनय करने में बहुत रुचि थी और आगे जा कर इन्होंने इसे ही अपना मुख्य पेशा भी बनाया। विजय ने ‘भाभी जी घर पर हैं’ के अलावा कई अन्य लोकप्रिय धारावाहिकों, जैसे चिड़िया घर, लापतागंज इत्यादि में भी काम किया और लोगों का स्नेह पाया। उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ सहित कई अन्य फिल्मों में भी विभिन्न किरदार निभाया है।
एक्टिंग और बॉलीवुड से जुड़े होने के बाद भी मायानगरी का मोह उन्हें छू न सका और अब भी वे अपनी माटी और परिवार से जुड़े हुए हैं। विजय का पैतृक घर हजारीबाग, केरेडारी के लोइसुकवार गांव में है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई डीएवी रजरप्पा से पूरी की और स्नातक रांची के मारवाड़ी कॉलेज से। इस बीच वो छोटे-मोटे नाटक कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। इसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा नई दिल्ली से स्नातक पूरा किया।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में अपने घर-परिवार, नाते-परिचित से मिलने अपने पैतृक गाँव आए हुए हैं। अभी परिवार के साथ ही समय बिताते हैं और सब के साथ योगाभ्यास भी करते हैं। नौजवानों के लिए उनका कहना है कि उन्हें अपनी रुचि और प्रतिभानुसार ही करियर बनाने के लिए किसी भी क्षेत्र का चयन करना चाहिए।
वे व्यक्ति में अपनी प्रतिभा की पहचान होना जरूरी मानते हैं साथ ही साथ बच्चों की शिक्षा और अच्छे संस्कार दोनों पर ज़ोर देने की बात कहते हैं। उन्होंने इसके लिए विद्यालयों से अधिक घर परिवार से मिलने वाले ज्ञान को ज्यादा महत्त्वपूर्ण बताया।