आगामी 26 फरवरी से शुरू होने वाले इस बजट सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने एक और अहम फैसले को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। जैसा कि उन्होंने कहा था कि निजी क्षेत्र के 75 फीसदी नौकरी में आरक्षण यहाँ के स्थानीय लोगों के लिए होगी। इस फैसले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए इस पर प्रस्ताव तैयार करने कि दिशा में तेजी से काम कर रही है। अनुभवी टीमों की सलाह के बाद कार्मिक विभाग और श्रम विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार इस प्रस्ताव को बजट सत्र में पेश करने की योजना में है और विधानसभा से पारित होने के बाद इसे लागू भी कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों की भावना के अनुरूप नई स्थानीयता नीति परिभाषित कर रहे हैं।
इस नए नियमावली कि आने के बाद नई कंपनियों के साथ-साथ इन्हें पुरानी कंपनियों पर भी लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि यह निर्णय राज्य को विकसित और मजबूत बनाने में कारगर साबित होगा। साथ ही इससे जन आकांक्षाओं को भी नई उम्मीद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में निजी क्षेत्र में 75% स्थानीय को ही नौकरी मिले सरकार इसके लिए वचनबद्ध है।
इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए कई अहम राजनीतिक फैसलों से विपक्ष को चुनौती दी थी। उन्होंने सरना धर्मकोड को जनगणना में शामिल करने के लिए विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाया था। इस प्रस्ताव को विपक्ष के बिना किसी विरोध के स्वीकृति भी मिल गई थी। निजी क्षेत्र में स्थानीय को ही नौकरी देना भी उनकी रणनीति का ही हिस्सा है।