हजारीबाग:जर्मनी में नौकरी कर वापस लौटे गांव और बन गए एक सफल किसान..

हजारीबाग के बड़कागांव निवासी राजीव रंजन इटली और जर्मनी में यूथ, कल्चर और रिफ्यूजी के लिए काम कर रही संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे। कुछ समय पहले राजीव अपने देश वापस लौटे और यहां आकर वो आज एक किसान बं गए।
बीते 10 महीने में ही उन्होंने करीब 70 लाख रुपये का टर्न ओवर हासिल कर लिया है। करीब 34 लाख रुपये के कृषि उत्पाद तो वो सिर्फ कृषि मंत्रालय के ई-नाम पोर्टल के माध्यम से बेच चुके हैं।

इसके अलावा उन्होंने 617 छोटे और मध्यम स्तर के किसानों को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के अंतर्गत जोड़ लिया। इससे वो किसान, जिनकी पहुंच स्थानीय मंडी तक भी नहीं थी, उनके उत्पाद को कोलकाता के बिग बास्केट स्टोर तक पहुंचा दिया। वर्तमान में लगभग 200 किसान उनके संपर्क में रहते हैं।

एफपीओ ने दिखाई राह, किसानों की मदद को ठानी
दरअसल,इटली की एक संस्था ‘टूटी ओनलस’, जो ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम कर रही, इसने 2019 में राजीव रंजन को भारत में अपने प्रोजेक्ट के लिए दक्षिण भारत भेजा था। इसी दौरान वो अपने घर बड़कगांव पहुंचे। राजीव ने बताया कि गांव के छोटे किसानों की समस्या और बाजार की कमी को देखते हुए उनकी मदद करने की बात मन में आई। इसके बाद ही उन्होंने कंपनी एक्ट के तहत एफपीओ का निर्माण किया।

बता दें कि, उनके इस एफपीओ के माध्यम से धान, आलू, टमाटर सहित अन्य उत्पाद को बाजार तक पहुंचाया गया। हजारीबाग के कृषि बाजार समिति के सचिव राकेश कुमार सिंह ने भी इसमें काफी सहयोग किया। राजीव बताते हैं कि उनके माध्यम से ही वो ई-नाम पोर्टल पर जुड़े और करीब 34 लाख रुपये का उत्पाद ऑनलाइन बेचा। वर्तमान में बिग बास्केट को भी सब्जियां भेजी जा रही हैं। इसके अलावा मदर डेयरी से बातचीत अंतिम दौर में है।

क्या है एफपीओ
एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन (कृषक उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह है। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को एक समूह में जोड़ना है। ये वो किसान हैं, जिनके पास एक तो उत्पाद कम होते हैं साथ ही बाजार तक उनकी पहुंच भी नहीं होती है। इसके अलावा समूह से जुड़ने पर उनके उत्पाद संग्रहित होकर बाजार तक पहुंचाए जाते हैं, जहां उन्हें उनके उत्पाद की उचित कीमत भी मिल जाती है। एफपीओ कृषि से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×