रांची। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सोमवार को झारखंड की जनता के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 अब महानायक और झारखंड के “दिशोम गुरु” शिबू सोरेन के नाम से जाना जाएगा। इस नये अस्पताल का नाम “शिबू सोरेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SSIMS)” रखा जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में नयी क्रांति की शुरुआत
झारखंड विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में डॉ. इरफान अंसारी ने कहा,
“यह संस्थान केवल एक अस्पताल नहीं होगा, बल्कि गरीबों और वंचितों की आवाज रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों को पूरा करने का माध्यम बनेगा। यह झारखंड की अस्मिता और गौरव से जुड़ा फैसला है।”
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने हमेशा आदिवासी, दलित, गरीब और किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ी है और यही कारण है कि राज्य सरकार ने रिम्स-2 को उनके नाम पर समर्पित करने का निर्णय लिया है।
पूर्वी भारत का बनेगा स्वास्थ्य हब
मंत्री ने बताया कि रिम्स-2 यानी SSIMS में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यहाँ सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं, आधुनिक अनुसंधान केंद्र और नवीनतम तकनीक से लैस उपकरण होंगे। गरीब और वंचित वर्ग को प्राथमिकता के साथ मुफ्त और सस्ती चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की प्रतिबद्धता है कि राज्य का हर नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करे। इस संस्थान से न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लोग लाभान्वित होंगे।
रिम्स-2 को लेकर जारी है विवाद
गौरतलब है कि नगड़ी में रिम्स-2 की जमीन को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद और आंदोलन तेज हो गया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार जबरन किसानों की जमीन छीनकर अस्पताल बना रही है। वहीं, सरकार का कहना है कि यह परियोजना लाखों लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित होगी।
स्वास्थ्य मंत्री का स्पष्ट संदेश
विपक्ष के आरोपों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि,
“भाजपा और कुछ लोग विकास विरोधी राजनीति कर रहे हैं। जनता अस्पताल चाहती है और भाजपा बीमारी। रिम्स-2 झारखंड की आने वाली पीढ़ियों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का तोहफा देगा और इसे कोई रोक नहीं सकता।”