राजधानी रांची में नकली नोटों के कारोबार में संलिप्त एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने 650 पीस नकली नोट जब्त करते हुए गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह पूरी खेप बिहार से बस के माध्यम से रांची लाई गई थी और कार में लोड करते वक्त पुलिस ने दबिश देकर इसे पकड़ लिया।
कैसे पकड़ी गई नकली नोटों की खेप
जानकारी के अनुसार, रांची पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बिहार से आने वाली चंद्रलोक बस के माध्यम से नकली नोटों की एक बड़ी खेप रांची लाई जा रही है। सूचना के बाद पुलिस ने विशेष टीम का गठन कर इलाके में निगरानी शुरू कर दी।
गुरुवार रात सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के रातू रोड स्थित न्यू मार्केट चौक के पास सुलभ शौचालय के नजदीक चंद्रलोक बस आकर रुकी। बस से सभी यात्री उतर गए। थोड़ी देर बाद वहां एक सफेद रंग की हुंडई कार पहुंची। बस से तीन कार्टून कार में लादे जाने लगे। इसी दौरान मौके पर पहले से मौजूद छापेमारी टीम ने कार को घेर लिया और जांच की। जांच में कार्टून से भारी मात्रा में नकली नोट बरामद किए गए।
क्या मिला पुलिस को?
पुलिस ने बताया कि कार्टून से 500 रुपए के जाली नोटों के बंडल बरामद किए गए।
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कुल 42 बंडल नकली नोट मिले।
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इनमें से 20 बंडलों में 300-300 जाली नोट थे।
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जबकि 22 बंडलों में 350-350 जाली नोट बरामद किए गए।
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इस तरह कुल 650 नकली नोट जब्त किए गए।
पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया –
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मोहम्मद साबिर उर्फ राजा
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साहिल कुमार उर्फ करण
दिल्ली से संचालित होता है गिरोह
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह दिल्ली से संचालित होता है। गिरोह का मास्टरमाइंड नीरज कुमार चौधरी है, जो फिलहाल दिल्ली में रहता है।
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नीरज अपने साथियों को फोन और व्हाट्सऐप के जरिए ग्राहकों से जोड़ता है।
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ग्राहकों को नकली नोट भेजे जाते हैं और इस काम के लिए साबिर और साहिल जैसे लोग दिल्ली से आई खेप को सप्लाई करने का काम करते हैं।
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गिरोह नकली नोटों के बंडल के ऊपर और नीचे असली नोट रखकर बीच में नकली नोट भर देता था, ताकि देखने में असली लगे।
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इसके बदले ग्राहकों से 40 से 50 हजार रुपए तक वसूले जाते थे।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई
रांची पुलिस ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार दिया है। पकड़े गए आरोपियों से और भी खुलासे की उम्मीद है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और दिल्ली कनेक्शन की जांच कर रही है।
सिटी एसपी ने कहा कि नकली नोटों का यह धंधा राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है और ऐसे गिरोहों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा।
रांची में पकड़ी गई नकली नोटों की यह खेप इस बात का प्रमाण है कि संगठित आपराधिक गिरोह अब भी सक्रिय हैं और सीमावर्ती राज्यों से राजधानी तक अपनी जड़ें फैला रहे हैं। हालांकि पुलिस की तत्परता और गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाई ने एक बड़े नेटवर्क को तोड़ने का काम किया है।