झारखंड में माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत: JTDC और CCL के बीच ऐतिहासिक साझेदारी

रांची, 21 जुलाई 2025 | झारखंड के पर्यटन परिदृश्य में सोमवार को एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। राज्य में खनन पर्यटन (Mining Tourism) की शुरुआत को लेकर झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDC) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) हुआ। यह समझौता झारखंड के ऊर्जा क्षेत्र, औद्योगिक समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

राज्य के पर्यटन मंत्री श्री सुदिव्य कुमार ने कहा, “खनन पर्यटन न केवल झारखंड की औद्योगिक ताकत का परिचायक होगा, बल्कि पर्यटकों को ऊर्जा क्षेत्र और इसके गौरवशाली इतिहास की झलक भी देगा। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में यह राज्य पर्यटन, उद्योग और संस्कृति के समन्वय से नए आयाम स्थापित कर रहा है।”

उत्तर उरीमारी माइंस से होगी शुरुआत

समझौते के अनुसार खनन पर्यटन की शुरुआत रामगढ़ जिले के उत्तर उरीमारी (North Urimari) माइंस से की जाएगी। भविष्य में अन्य खनन क्षेत्रों को भी इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।

JTDC और CCL के बीच हुए समझौते की प्रमुख शर्तें इस प्रकार हैं:

  • समझौते की अवधि: प्रारंभिक रूप से 5 वर्षों का समझौता, जिसे आवश्यकता पड़ने पर अगले 5 वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।
  • पर्यटन संचालन: JTDC पर्यटकों की बुकिंग करेगा और सप्ताह में दो दिन खनन पर्यटन की सुविधा उपलब्ध कराएगा। प्रत्येक समूह में 10 से 20 पर्यटक शामिल होंगे।
  • सुरक्षा प्राथमिकता: CCL द्वारा पर्यटकों के लिए सुरक्षा मानकों और नियमावली का सख्ती से पालन कराया जाएगा। प्रवेश से पहले सभी पर्यटकों को सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • गाइड सुविधा: CCL की ओर से पर्यटकों को खनन प्रक्रिया समझाने के लिए अनुभवी गाइड उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • प्रचार-प्रसार: JTDC खनन पर्यटन का व्यापक प्रचार करेगा, वहीं CCL आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा।

समारोह में शामिल रहे कई अधिकारी

समारोह में CCL की ओर से अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पर्यटन निदेशालय की ओर से निदेशक पर्यटन श्रीमती विजया जाधव और JTDC के प्रबंध निदेशक श्री प्रेम रंजन ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

विशेषज्ञों का मानना है कि खनन पर्यटन की यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी, बल्कि झारखंड को एक विशेष पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगी।

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