देवघर: सावन की पहली सोमवारी पर बाबा बैद्यनाथ धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। तड़के सुबह 3 बजे मंदिर का पट खुलते ही ‘बोल बम’ के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालुओं की 4 किलोमीटर लंबी कतार ने यह साबित कर दिया कि देवघर की यह सोमवारी शिवभक्तों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।
सुबह 4 बजे से ही कांवड़ियों ने बाबा पर जल अर्पण करना शुरू कर दिया। प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, हर मिनट में 180 श्रद्धालु मंदिर के अंदर अरघा सिस्टम के जरिए जल चढ़ा रहे हैं। वहीं, बाहरी अरघा में प्रति मिनट 30-40 लोग जलाभिषेक कर रहे हैं। अब तक करीब 30 हजार श्रद्धालु जल चढ़ा चुके हैं।
3 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
देवघर जिला प्रशासन ने सावन की पहली सोमवारी को लेकर विशेष तैयारियां की हैं। अनुमान है कि दिनभर में 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ के दरबार में जल चढ़ा सकते हैं। पिछले तीन दिनों में ही करीब 3.5 लाख कांवरिए जलाभिषेक कर चुके हैं।
वीआईपी दर्शन और शीघ्र दर्शन सेवा बंद
जिला कलेक्टर नमन प्रियेश लकड़ा ने बताया कि इस बार की व्यवस्थाएं पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर की गई हैं। एक महीने तक वीआईपी पूजा बंद रखी गई है। इसके साथ ही रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शन की सुविधा भी बंद है, ताकि आम श्रद्धालु भी सुगमता से बाबा का जलाभिषेक कर सकें।
AI कैमरे कर रहे भीड़ का प्रबंधन
शहर में जगह-जगह AI कैमरे लगाए गए हैं, जो भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को तुरंत डिटेक्ट कर प्रशासन को अलर्ट भेजते हैं। इससे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिस भीड़ को नियंत्रित कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी और पार्किंग
जिन श्रद्धालुओं ने बाबा को जल चढ़ा दिया है, उन्हें मेले से बाहर निकालने की भी विशेष व्यवस्था की गई है। शहर के बाहर कई टेंट सिटी बनाई गई हैं, जहां श्रद्धालु आराम कर सकते हैं। साथ ही, बड़े वाहनों के लिए शहर से बाहर ही पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
श्रद्धालुओं की गिनती भी डिजिटल
बिहार-झारखंड बॉर्डर से लेकर देवघर शहर तक श्रद्धालुओं की गिनती करने के लिए विशेष टोकन सिस्टम और AI आधारित हेड काउंटिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। बस और ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी इसी तकनीक से गिनी जा रही है।
आस्था का सैलाब, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल, एनडीआरएफ की टीम और वॉलंटियर्स की तैनाती की गई है।