रांची। झारखंड की राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। 80 वर्षीय ददई दुबे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर से झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता थे ददई दुबे
ददई दुबे झारखंड में कांग्रेस पार्टी के मजबूत स्तंभ माने जाते थे। वे 6 बार पलामू के विश्रामपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। इसके अलावा वे धनबाद लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने श्रमिक आंदोलन से लेकर किसानों और गरीबों के हक के लिए कई बड़े आंदोलन चलाए।
अस्पताल में चल रहा था इलाज
बताया जा रहा है कि ददई दुबे पिछले कुछ महीनों से लगातार अस्वस्थ चल रहे थे। उन्हें किडनी और हृदय से संबंधित समस्याओं के कारण दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार सुबह डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर
ददई दुबे के निधन की खबर मिलते ही झारखंड के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने 9 जुलाई को ही अस्पताल जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। इस दौरान उन्होंने ददई दुबे के बेटे बडू से भी मुलाकात की थी।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक संदेश में कहा, “ददई दुबे झारखंड की राजनीति के लिए एक मजबूत आवाज थे। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
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भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट कर दुख व्यक्त किया और परिवार को सांत्वना दी।
श्रमिक आंदोलन का बड़ा चेहरा
ददई दुबे को मजदूरों के हक में आवाज उठाने के लिए जाना जाता था। वे कई बार झारखंड के कोयला खनन क्षेत्रों में श्रमिक आंदोलन का नेतृत्व कर चुके थे। उनकी बेबाकी और संघर्षशील छवि ने उन्हें जन-जन का नेता बना दिया था।
अंतिम संस्कार की तैयारी
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को रांची लाया जाएगा। यहां श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में किया जाएगा।