रांची/देवघर/दुमका। सावन का पवित्र महीना शिवभक्तों के लिए आस्था, भक्ति और पुण्य का प्रतीक है। हर वर्ष की तरह इस बार भी झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम और दुमका के बासुकीनाथ धाम में श्रावणी मेला 2025 का आयोजन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इसको लेकर झारखंड सरकार ने व्यापक और आधुनिक तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और वे सकुशल भोलेनाथ का दर्शन व जलार्पण कर सकें।
11 जुलाई से शुरू होगा श्रावणी मेला, 9 अगस्त को होगा समापन
सावन मास इस बार 11 जुलाई 2025 से 9 अगस्त 2025 तक रहेगा। इस अवधि में चार सोमवारी विशेष महत्व की होंगी—14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त। इस दौरान बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा करते हुए लगभग 35 लाख शिवभक्त देवघर पहुंचते हैं और बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाते हैं।
बैद्यनाथ धाम: एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग जो शक्तिपीठ भी है
बाबा बैद्यनाथ धाम न केवल द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक है, बल्कि यह माता सती का हृदय गिरने के कारण शक्तिपीठ भी है। यही कारण है कि इसे कामना लिंग कहा जाता है। मान्यता है कि यहां जलार्पण करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
बासुकीनाथ के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा
देवघर में पूजा के बाद श्रद्धालु 24 किमी दूर बासुकीनाथ धाम में भी दर्शन करते हैं। यह तीर्थ फौजदारी दरबार के नाम से प्रसिद्ध है और यहां भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है।
झारखंड सरकार की तैयारियां: आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगा मेला क्षेत्र
झारखंड सरकार ने इस बार मेला क्षेत्र को तकनीकी रूप से स्मार्ट और व्यवस्थागत रूप से सशक्त बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर सहमति बनी:
सुरक्षा एवं निगरानी के उपाय:
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मेला क्षेत्र में 200 AI-बेस्ड कैमरे,
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700 सामान्य CCTV कैमरे,
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10 ड्रोन,
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6 ANPR कैमरे (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन)
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फेस रिकग्निशन सिस्टम और हेड काउंटिंग टेक्नोलॉजी।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की व्यवस्था:
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24 घंटे पेयजल, शौचालय, स्नानगृह,
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हर 500 मीटर पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र,
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टेंट सिटी में विश्राम की आधुनिक सुविधा,
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कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था हेतु विशेष दल।
भक्तों के ठहरने और विश्राम के लिए:
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5 जर्मन टेंट, जहां संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
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गर्मी व उमस से राहत के लिए मिस्ट कूलिंग सिस्टम और इंद्र वर्षा स्प्रे।
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सभी विश्राम स्थलों पर लाइटिंग, चार्जिंग पॉइंट्स और शीतल पेय जल की उपलब्धता।
आवागमन और यातायात प्रबंधन:
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देवघर-बासुकीनाथ फोरलेन सड़क को बेहतर बनाने के निर्देश,
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कांवड़िया पथ पर सोलर लाइट्स,
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राज्य और बिहार की सीमाओं पर पार्किंग और ट्रैफिक नियंत्रण दल।
धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है श्रावणी मेला
श्रावणी मेले में सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, भजन संध्या, और युवा शिविर का भी आयोजन होता है। यह मेला राज्य की धार्मिक विरासत, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समरसता का एक सजीव उदाहरण है।
श्रद्धालुओं से अपील: नियमों का पालन करें, प्रशासन का सहयोग करें
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे ड्रोन, उड़न कैमरे, डीजे और उच्च ध्वनि प्रणाली से बचें। फेस मास्क, जल की बोतल, और पहचान पत्र साथ रखें। किसी भी असुविधा की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 112 या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
श्रावणी मेला 2025 श्रद्धा, आस्था और आधुनिक व्यवस्था का अनोखा संगम होगा। झारखंड सरकार की पहल श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुगम और स्मरणीय अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है।