रांची | 2 जुलाई 2025: राजधानी रांची के ट्रैफिक जाम से जूझते नागरिकों को अब राहत मिलने वाली है। लंबे इंतजार के बाद शहर को बहुप्रतीक्षित रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर की सौगात मिल रही है। 3 जुलाई को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इसका उद्घाटन करेंगे। यह झारखंड का पहला फ्लाईओवर प्रोजेक्ट है जिसमें बुलेटप्रूफ बैरियर, साउंडलेस दीवारें, व्यू कटर, और सोहराय पेंटिंग जैसे लोकल एलिमेंट्स को शामिल किया गया है।
एनएचएआई का पहला बुलेटप्रूफ बैरियर प्रोजेक्ट
इस फ्लाईओवर की सबसे खास बात यह है कि यह एनएचएआई का देश में पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें बुलेटप्रूफ बैरियर लगाए गए हैं।
राजभवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नागा बाबा खटाल से किशोरी सिंह यादव चौक तक विशेष प्रोटेक्शन दी गई है। यहां साउंडलेस बैरियर और व्यू कटर भी लगाए गए हैं, जिससे राजभवन व आसपास के क्लीनिक, स्कूल, ऑफिस और निवासियों को ट्रैफिक के शोर से राहत मिल सके।
गर्डर स्टील कंपोजिट टेक्नोलॉजी से बना है स्ट्रॉन्ग स्ट्रक्चर
कॉरिडोर में गर्डर स्टील कंपोजिट तकनीक का प्रयोग हुआ है, जिसमें सेल में बने लोहे का इस्तेमाल किया गया है। 180-200 टन वजन वाले इन स्ट्रक्चर्स को बड़े-बड़े क्रेनों की मदद से उठाकर लगाया गया है। यह तकनीक इसे विशेष मजबूती प्रदान करती है।
30 मिनट की दूरी अब सिर्फ 5 मिनट में
अब तक पंडरा ओटीसी ग्राउंड से जाकिर हुसैन पार्क तक का 4.6 किमी लंबा सफर तय करने में 30 मिनट तक का समय लगता था। लेकिन एलिवेटेड कॉरिडोर चालू होने के बाद यह सफर मात्र 5-7 मिनट में पूरा हो सकेगा। इससे रांची, लोहरदगा, गुमला, डालटनगंज जैसे रूट से आने-जाने वालों को काफी राहत मिलेगी, खासकर एम्बुलेंस और आपातकालीन वाहनों को जाम से निजात मिलेगी।
पिलरों पर झारखंडी संस्कृति की छाप – सोहराय पेंटिंग प्रस्तावित
फ्लाईओवर के नीचे स्थित पिलरों पर झारखंड की पारंपरिक सोहराय पेंटिंग की योजना बनाई गई है, जिसके लिए एनएचएआई से मंजूरी मांगी गई है। मंजूरी मिलने के बाद सभी पिलरों पर रंग-बिरंगे सांस्कृतिक चित्रांकन होंगे।
सेल्फी जोन और मिनी गार्डन की योजना
कॉरिडोर पर कई ऐसी लोकेशन्स हैं जो युवाओं के लिए सेल्फी पॉइंट बन सकते हैं —
-
रघुवर सिटी सेंटर,
-
मॉल ऑफ रांची,
-
दुर्गा मंदिर,
-
पहाड़ी मंदिर व्यू,
-
पिस्का मोड़ गुरुद्वारा जैसे स्थान।
नीचे की खाली जगहों को खूबसूरत बनाने के लिए मिनी गार्डन और स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था की गई है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तैयारी
बारिश का पानी फिलहाल पिलरों के सहारे नीचे बहाकर एक टैंक में जमा किया जा रहा है, जिसे बाद में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा।
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर न सिर्फ राजधानी रांची की ट्रैफिक समस्या का समाधान है, बल्कि यह एक मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो राज्य की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके शुरू होते ही शहर को एक नई पहचान मिलेगी — स्मार्ट, सुरक्षित और सुंदर रांची।