रांची, झारखंड – राजधानी में अवैध बालू खनन और तस्करी का खेल अब खुलकर कानून को चुनौती देने लगा है। सोमवार की रात चुटिया थाना क्षेत्र में एक ऐसी घटना घटी जिसने पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने जब अवैध बालू से लदा एक वाहन जब्त किया तो बालू माफियाओं ने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ पुलिस से अभद्र व्यवहार किया, बल्कि जबरन वाहन छुड़ाकर फरार हो गए। यही नहीं, जाते-जाते उन्होंने पुलिस को धमकी दी – “तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।”
क्या हुआ चुटिया में?
चुटिया थाना के गुरुचरण पंडित ने एसएसपी को दी गई शिकायत में बताया कि उन्होंने देर रात केतारी बगान इलाके में एक अवैध बालू से लदा वाहन पकड़ा था। तभी एक कार में सवार व्यक्ति, जिसने खुद को ‘मंगल’ बताया, वहां पहुंचा और बोला कि वह थाने को “मैनेज” कर चुका है और गाड़ी ले जाएगा।
बात यहीं खत्म नहीं हुई। मंगल ने अपने साथियों को बुलाकर मौके पर हंगामा खड़ा कर दिया और पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की कर जब्त वाहन को ले भागा।
पुलिस को खुलेआम चुनौती
तस्करों का दुस्साहस इस कदर था कि उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से कहा:
“जो करना है कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा।”
यह बयान यह दर्शाता है कि बालू तस्करों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे पुलिस को भी डराने से नहीं चूक रहे हैं।
नामकुम थानेदार और बॉडीगार्ड पर हमला
यह पहला मामला नहीं है। नामकुम थाना क्षेत्र में भी अवैध बालू ढो रहे वाहन के चालक ने थानेदार और उनके बॉडीगार्ड को टक्कर मारकर घायल कर दिया था।
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दोनों अधिकारी आर्किड अस्पताल में इलाजरत हैं।
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वाहन जब्त हुआ, लेकिन चालक फरार हो गया।
बालू तस्करी पर नियंत्रण क्यों नहीं?
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ग्रामीण थाना क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल होने के बावजूद, रात के समय बालू लदे वाहनों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं लग रही है।
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शहर के थानों में तस्करों के प्रवेश के बाद पुलिसकर्मी मुश्किल में पड़ जाते हैं।
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प्राथमिक थानों पर “मैनेज” होने के आरोप लगते हैं, जिससे अपराधी बच निकलते हैं।
प्रशासन के सामने चुनौतियां
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ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि गश्ती की कमी
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प्रभावशाली तस्करों का नेटवर्क और राजनीतिक संरक्षण
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प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी और कमजोर इंटेलिजेंस
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अंदरूनी मिलीभगत की आशंका
रांची में बालू तस्करी अब सिर्फ एक अवैध व्यापार नहीं, बल्कि एक संगठित आपराधिक नेटवर्क का रूप ले चुका है जो पुलिस को भी खुलेआम चुनौती देने की स्थिति में है। यदि इस पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया, तो कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है।