कांटाटोली फ्लाईओवर में दरार, JUIDCO बोला – खतरे की बात नहीं..

रांची – राजधानी रांची के नवनिर्मित कांटाटोली फ्लाईओवर में दरारें दिखाई देने के बाद आम जनता और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। उद्घाटन को एक साल भी पूरा नहीं हुआ, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों ने फ्लाईओवर की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (JUIDCO) ने इन दरारों को “एक्सपेंशन और कंस्ट्रक्शन ज्वाइंट” बताकर किसी खतरे से इनकार किया है।

📸 सोशल मीडिया पर वायरल हुई दरार की तस्वीरें

रविवार को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई जिसमें कांटाटोली फ्लाईओवर की साइड वॉल में एक बड़ी दरार साफ दिख रही थी। लगातार हो रही बारिश के कारण यह दरार और स्पष्ट हो गई। स्थानीय लोगों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की और प्रशासन से त्वरित जांच की मांग की।

🛠️ JUIDCO की सफाई: “यह दरार नहीं, तकनीकी व्यवस्था का हिस्सा है”

नगर विकास सचिव सुनील कुमार के निर्देश पर जुडको की एक टीम ने सोमवार को फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। रिपोर्ट में बताया गया कि यह दरार नहीं, बल्कि एक्सपेंशन ज्वाइंट है जो फ्लाईओवर के गर्डर और दीवारों को मौसम और तापमान के अनुसार फैलने या सिकुड़ने की जगह देता है। इस खाली जगह में थर्मोकोल भरा गया था जो बारिश के कारण बाहर आ गया, जिससे अंदर की खाली जगह दिखाई देने लगी।

📋 नगर विकास सचिव ने क्या निर्देश दिया?

नगर विकास सचिव सुनील कुमार ने जुडको को निर्देश दिया है कि फ्लाईओवर के सभी एक्सपेंशन और कंस्ट्रक्शन ज्वाइंट्स की तुरंत जांच की जाए और जहाँ-जहाँ थर्मोकोल बाहर निकल गया है, वहाँ मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए ताकि लोगों में फैली चिंता को दूर किया जा सके।

🧱 तकनीकी दृष्टिकोण: क्या वाकई चिंता की बात है?

इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से सेगमेंटल गर्डर ब्रिजों में इस तरह के ज्वाइंट रखना एक सामान्य प्रक्रिया है। यह ब्रिज को लचीलापन देता है और थर्मल स्ट्रेस को सहन करने में मदद करता है। लेकिन बारिश के बाद थर्मोकोल का बाहर निकल आना यह संकेत देता है कि देखरेख की प्रक्रिया में कमी रही है।

🚧 जनता की चिंता: क्या फ्लाईओवर सुरक्षित है?

भले ही तकनीकी टीम फ्लाईओवर को पूरी तरह से “सुरक्षित” बता रही है, लेकिन आम जनता के मन में सवाल हैं — क्या वाकई इतनी जल्दी फ्लाईओवर में यह स्थिति सामान्य है? क्या निर्माण कार्य में कहीं जल्दबाजी या लापरवाही हुई?

कांटाटोली फ्लाईओवर झारखंड सरकार की एक अहम परियोजना रही है, जिससे राजधानी रांची के ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने की उम्मीद थी। लेकिन इस तरह की तकनीकी गड़बड़ियां अगर समय रहते न सुधारी जाएं, तो यह भविष्य में एक बड़ा खतरा बन सकती हैं।

👉 सरकार को चाहिए कि पारदर्शिता बरतते हुए जनता को हर कदम की जानकारी दे और फ्लाईओवर की क्वालिटी को लेकर एक स्वतंत्र तकनीकी ऑडिट कराए।

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