पलामू: पलामू जिला इन दिनों एक नई उम्मीद के साथ चर्चा में है। लंबे समय से औद्योगिक विकास की बाट जोह रहे इस जिले को आखिरकार एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। हुसैनाबाद प्रखंड स्थित वर्षों से बंद पड़ी जपला सीमेंट फैक्ट्री की खाली जमीन पर प्रस्तावित रेल कारखाना जिले के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर स्थानीय जनमानस में खासा उत्साह देखा जा रहा है। लोगों को उम्मीद है कि यह रेल कारखाना न सिर्फ पलामू को एक नई पहचान देगा, बल्कि बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्या से भी राहत दिलाएगा।
हाल ही में पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने हैदरनगर पश्चिमी के भाई बिगहा में एक सड़क शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान इस परियोजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय रेल मंत्री से इस संबंध में बातचीत हो चुकी है और जपला में रेल कारखाना स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
स्थानीय जनता में उत्साह
स्थानीय निवासी विजय तिवारी का कहना है, “पलामू झारखंड के अति पिछड़े जिलों में से एक है। यहां की युवा पीढ़ी बेरोजगारी से जूझ रही है। ऐसे में यह रेल कारखाना जिले के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। यह बदलाव की एक नई शुरुआत है।”
लोगों का मानना है कि इस परियोजना से न सिर्फ हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार, परिवहन और अन्य सहायक सेवाओं का भी विस्तार होगा, जिससे संपूर्ण क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।
कुछ आशंकाएं भी सामने आईं
जहां एक ओर लोग इस प्रस्ताव को लेकर उत्साहित हैं, वहीं कुछ लोगों ने सीमेंट फैक्ट्री की जमीन पर रेल कारखाना खोलने के फैसले पर सवाल भी उठाए हैं। उनका मानना है कि इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि जपला सीमेंट फैक्ट्री को दोबारा शुरू करने की संभावनाएं अब लगभग खत्म हो गई हैं।
इसके अलावा, यह भी सुझाव सामने आए हैं कि रेल कारखाना बनने के बाद स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने के लिए एक पारदर्शी और प्रभावी नीति बनाई जाए, ताकि बाहरी लोगों के मुकाबले पलामू के युवा सीधे तौर पर लाभान्वित हो सकें।
रेल कारखाना परियोजना पलामू के लिए एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है, बशर्ते इसे सुनियोजित ढंग से और स्थानीय भागीदारी के साथ क्रियान्वित किया जाए। इस पहल से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि जिले को औद्योगिक मानचित्र पर एक नई पहचान भी मिलेगी। जनता अब सरकार से ठोस पहल और शीघ्र कार्यान्वयन की अपेक्षा कर रही है।